in

“एक भारत श्रेष्ठ भारत” विषय पर किया गया वेबीनार का आयोजन

शिमला(पीआईबी):- प्रादेशिक  लोक संपर्क ब्यूरो और  पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) चंडीगढ़सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयभारत सरकार के संयुक्त तत्ववाधान और क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो (एफओबी) शिमला द्वारा क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरोएरनाकुलम, (केरला) के सहयोग से एक भारत श्रेष्ठ भारत विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार में केरला राज्य के कला और सांस्कृति पहलुओं पर जानकारी साझा की गई।

कार्यक्रम मे शिमला के राजकीय कन्या महाविद्यालय, (आरकेएमवी) की एनसीसी इकाई की छात्राओं ने प्रतिभाग किया। ज्ञात हो कि एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को केरला के साथ जोड़ा गया है। वेबीनार में अतिथि के रूप में केरला के कार्टूनिस्ट और पत्रकार सुधीरनाथ मौजूद रहे।

आरकेएमवी शिमला से एसोसिएट प्रोफेसर कैप्टन डालक्ष्मी ने प्रतिभाग किया। वेबीनार में पीआईबी चंडीगढ़ से सहायक निदेशक हिमांशु  पाठक मौजूद रहे। पाठक ने स्वागत भाषण में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए बताया कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के माध्यम से लोगों को देश की विभिन्न संस्कृतियों से रूबरू होने का मौका मिला रहा हैसाथ ही आइडिया आफ इंडिया का आधार भी मजबूत हो रहा है।

इस मौके पर आरकेएमवी की एसोसिएट प्रोफेसर कैप्टन डालक्ष्मी ने केरला के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इस बेवीनार के माध्यम से प्रतिभागियों को केरला की संस्कृतिरीति रिवाजों और तीज त्योहारों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।

केरला के बारे में जानकारी देने के लिए आमंत्रित अतिथि सुधीर नाथ ने अपने संबोधन में केरला की संस्कृतिकलाधार्मिक प्रतिष्ठानों के बारे में विस्तृति जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केरला और हिमाचल में काफी समानताएं हैंक्योंकि हिमाचल देव भूमि है और केरला गाड्स ओन कंट्री है। उन्होंने कहा कि केरला में भारत की अनेकता में एकता के आधार पर सभी समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं और तीज त्योहार मनाते हैं। उन्होंनं अपने संबोधन में कहा कि केरला का ओनम त्योहार केरला की पहचान है। सुधीर ने केरला में मनाए जाने वाले मुस्लिम समुदाय के त्योहार ओपन्न सहित कई अन्य त्योहारों के बारे में भी जानकारी दी।

 नाथ ने कहा कि केरला में रंगोली को फूलों से बनाया जाता हैजो सबसे अलग होती है। उन्होंने कहा कि केरला मंदिरों और गिरजाघरों के लिए भी जाना जाता है। यहां के अधिकतर मंदिर पुराने हैंजिन्हें लकड़ी से बनाया गया है। इस मौके पर उन्होंने केरला के कालड़ी में स्थित आधी शंकराचार्य की जन्मस्थली के बारे में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी। साथ ही उन्होंने कथाकलीमोहीनीयट्टम सहित केरला के लोक नृत्यों के बारे में जानकारी साझा की।

आरकेएमवी कालेज की एनसीसी की छात्राओं ने इस मौके पर केरला से जुड़े कई सवाल सुधीर से पूछे। बेवीनार में धन्यवाद प्रस्ताव में बोलते हुए एफओबी एरनाकुलम के क्षेत्रीय प्रदर्शनी अधिकारी एलसी पुनूमोन ने पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी)प्रादेशिक लोक संपर्क ब्यूरो चंडीगढ़ और क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो (एफओबी) शिमला का वेबीनार आयोजित कराने के लिए धन्यवाद कहा। वेबीनार में लगभग 66 लोगों ने प्रतिभाग किया।

सिरमौर में गीत-संगीत के माध्यम से दी जा रही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

हमारे अन्‍नदाताओं की दृढ़ता और उनका जुनून देता है प्रेरणा : प्रधानमंत्री