
चंबा (लो.स.वि.): – उपायुक्त राणा ने कहा कि चंबा जिला में खाद्य उद्योग, धातु शिल्प, हैंडलूम,
ब्रांडीक्राफ्ट और खिलौना निर्माण को लेकर कलस्टर केंद्र स्थापित किया जाएगा। ये क्लस्टर केंद्रों के माध्यम से शिल्पकारों, कलाकारों और खाद्य पदार्थों के उद्यम से जुड़ने वाले व्यक्तियों को कॉमन सुविधा केंद्र की सुविधा मिल पाए जाते हैं।

उपायुक्त ने यह बात आत्मनिर्भर भारत अभियान के क्रियान्वयन की समीक्षा को लेकर बचत भवन में आयोजित बैठक की बैठक करते हुए कही। उन्होंने बताया कि हैंडलूम सेक्टर में चंबा जिला के कुछ क्षेत्र विशेष में बुनकरों द्वारा पारंपरिक रूप से तैयार की जाने वाली कोट की पट्टी। भी है। शामिल रहेगा। उन्होंने उद्योग विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि इस पट्टी को किन्नौर की तर्ज पर बुनने, रंगने और फिनिशिंग देने के लिए भी विभाग एक कार्य योजना तैयार करे ताकि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बाजार की मांग के अनुरूप इसे बड़े पैमाने पर तैयार करवा कर इसकी ब्रांडिंग हो सके सके। DRM की।
उपायुक्त ने यह भी बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत चंबा जिला में सेब आधारित चार माइक्रोफूड प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित की जाएगी। ये माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिटों के साथ उन किसान उत्पादक संघों (एफपीओ) को जोड़ा जाएगा जो सक्रिय रूप से इस क्षेत्र के साथ अपने आप को जोड़कर व्यवसायिक सोच के साथ अपना आर्थिक स्वावलंबन सुनिश्चित करने के प्रति पूरी तरह से जागरूक हों। किसान उत्पादक संघों को जागरूक करने के अलावा उनके लिए कृषि विभाग में इसके अलावा नाबार्ड भी अपनी भागीदारी निभाएगा।
उपायुक्त ने बागवानी विभाग के अधिकारियों को कहा कि वे अपनी स्कीमों का कन्वर्जेंस भी इस अभियान के साथ कर सकते हैं ताकि लक्षित व्यक्तियों तक आत्मनिर्भर भारत अभियान का समग्र लाभ मिल सके। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि चंबा जिला के कुछ क्षेत्रों में बांस के शिल्प से तैयार होने वाले घरेलू उत्पादों की भी अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं। इस पारंपरिक शिल्प से जुड़े लोगों को मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देने से विभिन्न तरह के उपहार इत्यादि पैक करने के फ़िल्टर बॉक्स और उस कड़ी में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न तरह के अन्य उत्पाद भी तैयार हो जाएंगे।
