हिमवंती मीडिया/कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू मे विशाल सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग की अध्यक्षता निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने की। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि निरंकार से जुडाव ही मानव जीवन का मुख्य उदेश्य है, जिससे की मोक्ष को प्राप्त किया जा सके।
सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने मानव मन की अवस्था का जिक्र करते हुए फरमाया कि मानव की अवस्था ऐसी होती है कि उसमें अच्छाई एवं बुराई दोनों ही भाव समाहित होते है पर यह उस पर निर्भर करता है कि वह किसका चुनाव करें किन्तु मन अहंकारवश दूसरों में केवल कमियों को ही देखता है। अच्छाईयों को नजरअंदाज करता है। इसके विपरीत संतों का स्वभाव तो सबके लिए प्रेम वाला ही होता है। सत्संग में जब आये तो बुराईयों को छोड़कर अच्छाईयों को अपने साथ लेकर जाये और सबके लिए समदृष्टि का भाव ही अपनाये।