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पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के उद्योगपतियों ने लिया संयुक्त फैसला, सोमवार से तीन दिन के लिए 1200 गत्ता उद्योग बंद रहेगें

बीबीएन(शांति गौत्तम):-तीन राज्यों के गत्ता संचालकों की संयुक्त बैठक में पेपर मिलों की लगातार मनमानी व गत्ते के रेट उद्योगों की ओर से न बढाए जाने पर गत्ता उद्योग बंद करने का फैसला लिया गया है। सोमवार  से तीन दिन तक लगातार उद्योग बंद रहेगें और अगर गत्ते के डिब्बे के रेट उद्योगपतियों ने नहीं बढ़ाए और पेपर मिलों ने अपनी मनमानी पर रोक नहीं लगाई तो यह बंद और आगे तक जा सकता है।
पंजाब, हरियाणा व हिमाचल के गत्ता उद्योग के संचालकों की बददी के निकट अमरावती एनकलेब में एक निजी होटल में हुई  एक संयुक्त बैठक में हुई जिसमें पेपर मिलों की मनमानी पर दुखी हो कर गत्ता संचालकों ने अपने 1200 उद्योग बंद करने का फैसला लिया। पिछले चार माह में पेपर मिलों ने अपने पेपर के दाम 40 फीसदी अधिक बढ़ा दिये है ऐसे में गत्ता उद्योगपतियों को अपने कारोबार चलाना एक घाटे का सौदा साबित हो रहा है। 
बद्दी इकाई के प्रधान हेमराज चौधरीमहामंत्री अशोकर राणा ने सभी गत्ता संचालकों से एकजुट होकर अपने गत्ते के डिब्बे के दाम बढ़ाने की बात कही। गत्ता संचालक अशोक राणा ने कहा कि जब तक गत्ता संचालक एकजुट नहीं होंगे तब तक उनका ऐसे ही शोषण होता रहेगा। कालाअंब इकाई के प्रधान अंकुर गोयल ने कहा कि सभी को एक साथ चलना होगा तभी पेपर मिलों की मनमानी पर रोक लगेगी। हरियाणा राज्य के रजत गुप्तापंजाब इकाई के अध्यक्ष आरके गर्ग ने हिमाचल इकाई का पूरा सहयोग देने की बात कही। परवाणू इकाई के उपप्रधान हेमराज ने गत्ता उद्योग से निकलने वाले वेस्ट का भी रेट बढ़ाने का सुझाव रखा।
हिमाचल के अध्यक्ष सुरेंद्र ने कहा कि पंजाब हरियाणा व हिमाचल में करीब 12 उद्योग है जिसमें पचास हजार के करीब लोगों को रोजी रोटी मिल रही है। एक ओर सरकार कहती है कि चीन के माल का बहिष्कार किया जाए और दूसरी ओर से चीन के लिए निर्यात खुला रखा है। केंद्र सरकार को चाहिए की जब पेपर अपने देश में खपत पूरी नहीं हो रही है तो बाहर भेजने की जरूरत क्यों पड़ी है। इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।
उन्होंने बताया कि संयुक्त बैठक में सोमवार से तीन दिन के तीनों राज्यों में गत्ता उद्योग बंद रहेगे और अगर जरूरत पड़ी तो बंद को आगे बढ़ाया जा सकेगा। बैठक में सौ से अधिक उद्योगपतियों ने भाग लिया।

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