हिमवंती मीडिया/सिरमौर
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न विभागों में हजारों की संख्या में आऊटसोर्स कर्मचारी कार्यरत हैं। जो कि दशकों से हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग विभागों में अपनी बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। तो वहीं जो कर्मी दशकों से स्थायी नीति और नौकरी की सुरक्षा के इंतजार में सरकार के समक्ष निवेदन एवं आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, परन्तु वर्तमान में अगर इन तमाम कर्मचारियों को सबसे बड़ी चुनौती एवं समस्या आ रही है। संघ के जिला अध्यक्ष राजेश ने जानकारी देते हुए बताया कि वह है कि आऊटसोर्स कर्मचारियों को वैतन भी नहीं मिल पा रहा है। जिसका दर्द हर महीने हजारों कर्मचारी झेल रहे हैं। जिन कर्मचारियों का वैतन विभिन्न कंपनियों एवं ठेकेदारों के माध्यम कम्पनी एक्ट और कानूनी रूप से सात तारीख तक सुनिश्चित की है, परन्तु आऊटसोर्स कर्मचारियों को महिने के दस दस तारीख तक भी वैतन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है,जो समस्या वर्षों से देखने एवं सुनने को मिल रही है।
इस बारे में सिरमोर के स्वतन्त्र लेखक-हेमराज राणा ने भी बताया कि प्रदेश में समस्त सरकारी कर्मचारी हम सभी युवाओं एवं समाज का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि हम सभी ऐसे हजारों आउट्सॉर्स कर्मचारियों के पक्ष में सरकार से निवेदन करने का प्रयास करें ताकि भविष्य में इन तमाम कर्मचारियों को सरकार समय से वैतन सुनिश्चित करवाने का प्रयास करें अन्यथा इन तमाम कर्मचारियों को आर्थिक रूप समस्या उत्पन होती रहेगी, (जैसा कि कहां भी जाता है कि समान काम का समान वैतन मिलना चाहिए) परन्तु यहां पर इन्हें मात्र दस से पंद्रह हजार रुपए में गुजारा करना पड़ रहा है, जो आज के इस मंहगाई के दौर में मानों (ऊंट के मुह में जीरा है) तो यहां पर इस बात का चिन्तन एवं विश्लेषण करने का प्रयास करना चाहिए कि वर्तमान में ऐसी परिस्थितियां क्यों देखने को मिल रही है, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में ऐसे अनेकों होनहार कर्मचारी मौजूद हैं जो दशकों से स्थायी कर्मचारियों से भी बेहतर कार्य एवं समर्पित होकर काम कर रहे हैं,परन्तु उनको आज समय से वैतन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, तो इससे बढ़कर क्या दुःख हो सकता है, इसलिए सामाजिक रूप से समाज का भी नैतिक कर्तव्य बनता है कि इन सभी कर्मचारियों की मांग को मिडिया बन्धुओं के माध्यम से उठाने का प्रयास किया जाएं ताकि भविष्य में हजारों आऊटसोर्स कर्मचारियों को राहत मिल सके ऐसी उम्मीद और अपेक्षा करते हैं।