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आई एस बी टी के लिए प्रयास हुए तेज़, सरगर्मियां बढ़ी

 

सहारनपुर (संकल्प नैब) शहर में लंबित चली आ रही है आई एस बी टी की मांग पर वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा ध्यान दिए जाने के चलते यहां सरगर्मियां भी बढ़ी हैं।

शहर में जहां अलग-अलग कई बस अड्डे होने के कारण बाहर से आने वाले यात्रिओ को अपने गंतव्य पर जाने के लिए बेहद मशक्कत करनी पड़ती है , जिसके चलते ही शहर में एक अन्तर्राज्यीय बस अड्डे की मांग काफी समय से होती रही है और वर्तमान सरकार भी वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव से पूर्व इसकी घोषणा करने की तैयारी में है जिसके चलते ही यहां आई एस बी टी बनाने के लिए जहां जनता रोड पर बन्द पड़ी पराग डेयरी के भू उपयोग सहित लगते हुए प्लाट भी सरकार द्वारा अधिग्रहण किये जाने की स्थिति में उनके व्यवहारिक मूल्य से भी कई गुना अधिक भुगतान मिल जाने के आर्थिक खेल की तैयारी में जन सुविधा को नज़र अंदाज़ किया जाना कितना उचित है, इसे सरकार भी आसानी से समझ सकती है। यहां आई एस बी टी बनने की स्थिति में उत्तराखंड के वाहनों को सुविधा ज़रूर मिलेगी लेकिन हरियाणा और दिल्ली मार्ग के लिए बेहद दिक्कतें होंगी।जनता रोड के लिये सीधे टेम्पू की भी कोई व्यवस्था नही होने के कारण भी यात्रिओ को ऊक्त आई एस बी टी तक पहुंचने के लिए बेहद मशक्कत करनी पड़ेगी, जबकि दिल्ली रोड पर यदि आई एस बी टी का निर्माण होता है तो न केवल दिल्ली मार्ग की सुविधा बढ़ेगी बल्कि हरियाणा की बसों का मार्ग भी सुगम होगा एवम मुजफ्फरनगर सहित जनपद एवं मण्डल के शहरों का भी सीधा संपर्क रहेगा।

वर्तमान में हुए विकास का भी सदुयोग होगा और टापू का रूप ले चुके सहारनपुर को हरिद्वार के अलग होने से खोई प्रतिष्ठा भी प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी। दिल्ली रोड पर आई एस बी टी बनने से जहां उत्तराखंड के लिए भी बसो को सुविधा होगी वही रेलवे स्टेशन से सीधे दिल्ली रोड पर जाने के लिए पूर्व से ही उपलब्ध सुविधा का भी बेहतर उपयोग हो सकेगा। जनता के हितों को ध्यान में रखकर बनने वाला आई एस बी टी ही शहर की ज़रूरत है जबकि पूर्व में जहां चेयरमैन ने एक बस अड्डा बनवाया था जिसका कभी उपयोग ही नही हो पाया है और अब वर्तमान निगम तंत्र द्वारा मानकमउ में बनाये बस अड्डे में कांवड़ के दिनो में जनता को जो असुविधा हुई है, उससे उसकी उपयोगिता पर भी सवाल खड़े हुए है।चंद लोगो की आर्थिक पूर्ति के लिए बनने वाला आई एस बी टी कितना और किसके लिए उपयोगी होगा और जनता की सुविधा के लिए क्या महत्वपूर्ण रहेगा, इसे भी सरकार और उससे जुड़े तंत्र को समझना है बल्कि जनता की राय भी इसमें शामिल की जाए तो और अधिक उपयोगी रहेगी ताकि वर्तमान सन्दर्भो और भौगोलिक परिस्थितियों में आई एस बी टी कहाँ और कितना उपयोगी रहेगा, लेकिन इसके लिए पहल तो सरकार और तंत्र को ही करनी है।

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