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उत्पादकों को ऑक्सीजन का अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करना चाहिएः मुख्यमंत्री

शिमला(प्रेवि):- राज्य सरकार की पहली और महत्वपूर्ण प्राथमिकता स्वास्थ्य चिकित्सा के उद्देश्य से ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि ऑक्सीजन के कारण किसी को परेशानी न झेलनी पड़े। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के ऑक्सीजन उत्पादकों को सम्बोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इस वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए समाज में एक-दूसरे की सहायता करना हम सबका दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन सरप्लस है, लेकिन ऑक्सीजन के परिवहन के लिए हमें सिलेंडरों की आवश्यकता है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों को राज्य में ऑक्सीजन का अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि इसका उपयोग कर मानव जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के रिसाव और अपव्यय को भी प्रभावी ढंग से रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के कारण ऑक्सीजन की खपत भी काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने राज्य के लिए 15 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत मीट्रिक टन करने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आईजीएमसी के ऑक्सीजन प्लांट की उत्पादन क्षमता को 20 मीट्रिक टन तक बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अन्य ऑक्सीजन प्लांटों की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से मांग को पूरा करने के लिए राज्य को डी-टाइप के 5000 और बी-टाइप के 3000 सिलेंडर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में स्थित सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को राज्य सरकार बिजली की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी ताकि ऑक्सीजन की कमी न हो और ऑक्सीजन का उत्पादन सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध और सुचारू रूप से सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान न हो।

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