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ऐतिहासिक संगम स्थल जिया में बनेगा राजीव घाट, होगा सौंदर्यीकरण:- विक्रमादित्य सिंह

हिमवंती मीडिया/ कुल्लु (रमेश कँवर)
ब्यास-पार्वती पवित्र संगम स्थल पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की प्रतिमा स्थापित कर पिता का सपना करेंगे 
पूरा:- विक्रमादित्य सिंह

ऐतिहासिक जिया सगम को विकसित करने के उद्देश्य को लेकर ग्रामीण व जिया पंचायत सहित भुंतर सुधार समिति लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मोहल रेस्टहाउस में मिले। सभी ने सयुंक्त रूप से ऐतिहासिक संगम स्थल जिया को धार्मिक व पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। विक्रमादित्य सिंह ने प्रतिनिधि मंडल की बात को बड़े गौर से सुना और कहा कि जिया संगम स्थल को निखारने का हमारे पिता राजा वीरभद्र सिंह का पुराना सपना है। इस सपने को मै जरूर पूरा करूंगा। उन्होंने कहा कि राजीव घाट जिया में ही बनेगा और उस महान हस्ती की प्रतिमा ब्यास-संगम जिया के पास ही स्थापित होगी। ग्रामीणों व सुधार समिति ने वन विभाग द्वारा 73 लाख का एस्टीमेट भी साथ में दिया क्योंकि भुंतर सुधार समिति काफी समय पहले से वन विभाग से मिलकर जिया को विकसित करने को पत्र सौंपा था।

उन्होंने कहा कि जिया के सौदर्यीकरण को लेकर प्लान तैयार है। लैंड स्नैचिंग से लेकर सुरक्षा दीवार सहित महिलाओं को नहाने के लिए बाथरूम की सुविधा दी है। वहीं शौचालय भी बनाया जाएंगे बैठने के लिए बैंच की सुविधा होगी। इस प्लान में सात सोलर लाइट का प्रावधान भी रखा गया है। मुख्य द्वार में भव्य गेट का निर्माण किया जाएगा। वहीं के सुविधाएं पवित्र स्थान करने वाले श्रद्धालुओं और देवताओं के लिए दी जाएगी। विक्रमादित्य सिंह अपने हिसाब से इस ऐतिहासिक संगम को कितना डवलप करेंगे यह उनके ऊपर निर्भर है। एक बात उन्होंने स्पष्ट कही है की राजीव गांधी की प्रतिमा जिया में ही स्थापित होगी। उनके इस आश्वासन से जिया से आए प्रतिनिधि मंडल के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। बता दे कि ऐतिहासिक जिया संगम स्थल में धार्मिक तिथियों व त्यौहारों में जिला भर के देवी-देवता श्रद्धालुओं संग यहां पवित्र स्नान की डुबकी लगाने आते हैं।

20 भादों को तो यहां पर हजारों श्रद्धालु स्नान कर पुण्य कमाते है और जड़ी बूटियों के पानी से रोग मुक्त होते है। इस ऐतिहासिक पवित्र स्थान की महानता दूर-दूर तक है। देश के प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की आस्तियों का विसर्जन इसी पवित्र स्थल पर किया गया। वहीं हिमाचल के 6 बार मुख्यमंत्री रहे राजा वीरभद्र सिंह की अस्तियाँ भी इसी पवित्र स्थान पर प्रवाहित की गई है। यह संगम स्थल आजतक अनदेखी का शिकार रहा है। इस स्थल को विकसित करने के नाम पर कुछ नेताओं ने केवल राजनीतिक रोटियां ही सेंकी। लेकिन लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के आश्वासन से अब जिया की जनता व तमाम श्रद्धालुओं को ऐतिहासिक एवं पवित्र संगम स्थल जिया के सौंदर्यीकरण की पूरी उम्मीद जगी है।

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