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जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित

हिमवंती मीडिया /नाहन 

बच्चे देश के भावी नागरिक हैं और इनका भविष्य सुधारने के लिये संबद्ध विभागों व संस्थानों को ईमानदार प्रयास करने की जरूरत है। यह बात उपायुक्त आर. के. गौतम ने उपायुक्त कार्यालय सभागार में आयोजित जिला बाल सरंक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि बच्चों से जुड़े अनेक ऐसे मुद्दे हैं जो काफी संवेदनशील हैं। इनमें बाल अधिकार, शिक्षावृति, बच्चों का शोषण, मानसिक प्रताड़ना, बाल श्रम, घरेलू माहौल ऐसे महत्वपूर्ण विषय हैं जिन पर ईमानदारी  से कार्य किया जाना चाहिए ताकि बच्चों का कल्याण सुनिश्चित हो।
आर.के.गौतम ने कहा कि समाज में बच्चों का नजरिया अच्छा और सकारात्मक बने, इसके लिये बाल्यकाल से ही बच्चों के अधिकारों का संरक्षण जरूरी है। समय पर बच्चों की काउंसलिंग करना आवश्यक है जिससे वे अपनी मौजूदा मनोस्थिति से बाहर आकर एक उपयुक्त वातावरण को महसूस कर सके। बच्चों के हितों के लिये सभी को मिले जुले प्रयास करने चाहिए। बच्चों से जुड़े मुद्दों का समयबद्ध ढंग से निपटारा किया जाना चाहिए। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों के लिये विभिन्न विभागों के माध्यम से अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। इनका समुचित लाभ पात्र बच्चों को मिलना ही चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में जाकर सभी लंबित मामलों की रिपोर्ट तैयार कर उन्हें सौंपने को कहा।


पांवटा साहिब में बच्चों के लिये बनाएंगे ओपन शैल्टर
आर.के. गौतम ने कहा कि जिला के उपमण्डल पांवटा साहिब में बच्चों के लिये रेड क्राॅस के माध्यम से एक शैल्टर होम बनाया जाएगा। इसके लिये उन्होंने जरूरी अधोसंरचना की रिपोर्ट सौंपने के लिये संबंधित विभागों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के कल्याण में सुधार के लिये योगदान करना और साथ ही ऐसी असुरक्षित स्थितियों में कमी लाना जिसके कारण उपेक्षा, शोषण जन्म लेते हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये जिला में बाल सरंक्षण इकाई कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बाल गृहों में अनाथ, बेसहारा, निराश्रित, देखरेख व सरंक्षण वाले बालकों के भरण पोषण, शिक्षा, चिकित्सा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाती है। जिला बाल सरंक्षण अधिकारी संतोष कुमारी ने अवगत करवाया कि जिला के पच्छाद में  संचालित बाल गृह आदर्श बाल निकेतन में वर्तमान में 26 बच्चों को सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। जिला के नागरिक अस्पताल पावंटा साहिब व ददाहु में शिशु पालन गृह स्थापित किये गए हैं। इनमें अभी तक परित्यक्त शिशु का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने अवगत करवाया कि फोस्टर केयर योजना के अंतर्गत प्रत्येक फोस्टर परिवार को हर महीने 2000 रुपये खर्च के लिए बचत खाते में तथा 500 रुपये की अतिरिक्त सहायाता बच्चे के नाम एफडी के रूप में जमा करवाई जा रही हे। योजना के तहत 85 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। प्रायोजित योजना के तहत कोविड-19 से अनाथ हुए बच्चों को प्रतिमाह 6 हजार रूपये प्रदान किये जा रहे हैं। सात मामलों में यह राशि प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों की संपति संरक्षित रकने के लिये जिला बाल सरंक्षण इकाई द्वारा उनकी संपति अनाथ बच्चों के नाम करने बारे कार्यवाही अमल में  लाई जा रही है। अब तक 49 अनाथ बच्चों के नाम इंतकाल दर्ज है। 18 साल से कम आयु के बच्चों को सेवाएं प्रदान की जा रही है। जिला में कुल 298 बाल-बालिकाओं को  सुविधा प्रदान की गई है। चाइल्ड लाईन की समन्वय सुमित्रा शर्मा ने कहा कि बच्चों के सरंक्षण से संबंधित आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने के लिये चाइल्ड लाइन 1098 गैर सरकारी संस्था कार्य कर रही है। इसके तहत बच्चों के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओ , यौन उत्पीडन की सूचना सीधे तौर पर इस टाॅल फ्री नंबर पर दी जा सकती है। इस साल अभी तक चाइल्ड लाइन सेवा के माध्यम से जिला मं कुल 236 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसी प्रकार किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष कुल 88 मामले रिकार्ड किये गए हैं। जिला परिषद अध्यक्ष सीमा कन्याल, सहायक आयुक्त मुकेष शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अजय पाठक, सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अभयकांत अग्रवाल के अलावा शालिनी पराषर, रजनी गुप्ता, सुचित डोगरा सहित अन्य सरकारी व गैर सरकारी सदस्य बैठक में  मौजूद रहे।

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