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दिव्यागजनों की पैंशन राशि को 850 रुपये से बढ़ाकर किया गया 1000 रुपये : सरवीन चौधरी

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धर्मशाला(लो.स.वि.):- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड की चतुर्थ बैठक में शामिल हुईं। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन हमारे समाज़ का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तीकरण की दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी की अवधि में अप्रैल माह से दिव्यागजनों की पैंशन राशि को 850 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया गया है तथा 3580 नए दिव्यांगजनो को पैंशन योजना से जोडा गया है।

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की जबकि वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार के उच्चाधिकारी बैठक में शामिल हुये।  

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही जरुरतमंद दिव्यांगजनों को जिला प्रशासन के माध्यम से निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवाने की व्यवस्था भी करवाई गई। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिये दिए गए निर्देशों की अनुपालना के लिये स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए गए। इसके अलावा कार्यालयों में कार्यरत दिव्यांगजनों को कोविड-19 महामारी की अवधि में कार्यालयों में उपस्थिति से भी विशेष छूट प्रदान की गई है।

सामाजिक न्यायक मंत्री ने शिक्षा विभाग को भी अनुरोध किया गया है कि स्कूलों में अध्ययन कर रहे दिव्यांजनों की शिक्षा को सुचारु रुप से जारी रखने हेतु विशेष प्रबन्ध किए जाऐं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत राज्य के कुल 851 दिव्यांगजनों को एक-एक हजार रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की गई। इसके अलावा इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पैंशन योजना के तहत 40-69 दिव्यांगता प्रतिशतता वाले 64,145 दिव्यांग पैंशनरों को एक-एक हजार रुपये प्रति माह तथा 70 या अधिक दिव्यांगता प्रतिशतता वाले 1118 पैंशनरों को 1500 रुपये प्रति माह पैंशन प्रदान की जा रही है जो कि अग्रिम रुप से त्रैमासिक जारी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग प्रदान करने के लिये जिला कुल्लू, बिलासपुर, कांगड़ा तथा हमीरपुर में जिला पुनर्वास केन्द्र स्थापित किए गए हैं तथा मानसिक रुप से दिव्यांग लोगों की देखभाल हेतु 2 पुनर्वास केन्द्र गैर-सरकारी संस्थाओं के माध्यम से चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही दिव्यांगजनो हेतु 4 प्रतिशत आरक्षण, रोजगार हेतु प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनो को विशिष्ट पहचान पत्र प्रदान करने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा 15685 दिव्यांगजनो को पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं। इस अवसर पर जिला कल्याण अधिकारी असीम सूद, एडवोकेट दीपक अवस्थी सहित अन्य उपस्थित थे।

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