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प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के सत्त विकास के लिए प्रतिबद्ध

शिमला(प्रे.वि.):- प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के सत्त विकास के लिए प्रतिबद्ध है और औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। सत्त विकास में औद्योगिक क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। प्रदेश सरकार औद्योगिक एवं सेवा क्षेत्रों का सन्तुलित विकास कर रही है ताकि प्रदेश को निवेशक मित्र गंतव्य बनाया जा सकें। 
प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने व उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दे रही है, जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में औद्योगिकरण ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। प्रगति की इस यात्रा में हिमाचल ने अपनी पारम्परिक जड़ी बुटियों से एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब के रूप में पहचान बनाई है। चूना पत्थर के निर्यात से सीमेंट हब, प्रदेश में बहती नदियों के जल से बिजली राज्य बनने तक की यात्रा तय की है। सेब और आड़ू तैयार करके एग्रो प्रोसेसिंग इकाई और शिक्षा के क्षेत्र में गुरूकुल से आरम्भ कर आज शिक्षा के हब के रूप में प्रदेश जाने जाना लगा है। पारम्परिक हैंडलूम से लेकर टेक्सटाईल पार्क तक की यात्रा पूर्ण की है।
प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश मुजारियत तथा भू-सुधार अधिनियम की धारा-118 के तहत अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण कर, इसमें आवेदन की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है ताकि औद्योगिक विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश को निवेशक अनुकूल बनाया जा सके। इसके अतिरिक्त प्रदेश में राज्य स्तरीय एकल खिड़की की मंजूरी से भी प्रदेश में निवेशकों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया गया है। सरकार ने विभिन्न नीतियां संशोधित व तैयार की। जिनमें हिमाचल पर्यटन नीति-2019, आई.टी. नीति और आयुष्मान नीति शामिल हैं। इन नीतियों के तहत निवेशकों को विभिन्न सहायता सुनिश्चित की जा रही है।
हिमाचल को फिल्म निर्माताओं का पसंदीदा गंतव्य बनाने के उद्देश्य से फिल्म नीति-2019 बनाई गई, जिसके तहत प्रदेश में फिल्म की शुटिंग के लिए अनेक प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 बनाई, ताकि मौजूदा उद्योग के लिए स्थानीय निवेशकों के साथ-साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और पूर्ण औद्योगिक सेवा क्षेत्र के विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य में और अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
यह नीति विशेष रूप से औद्योगिक विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने मे  सहायक सिद्ध होगी। प्रक्रियाओं का सरलीकरण होने से भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन विकास ऋण और बाजार तक पहुँच  सुनिश्चित हुई है। सभी प्रक्रियाओं के डिजीटलीकरण और सर्टिफिकेशन को बढ़ावा देने के लिए ईज ऑफ़डूईंग बिज़नस को बढ़ावा मिला है। इस नीति के माध्यम से कृषि-बागवानी और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी संबंध स्थापित करके खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 का उद्देश्य स्थानीय युवाओं और हितधारकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और संपूर्ण राज्य में सेवा और औद्योगिक क्षेत्र के सम्मान व सत्त विकास के लिए सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र को बढ़ावा देना है। नीति का उद्देश्य नए उद्यम स्थापित करना व स्थानीय उद्यमशीलता को सृजित कर उन्हें बढ़ावा देना है।

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