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प्रधानमंत्री ने की हिमाचल में अच्छे कार्यों के लिए जय राम ठाकुर सरकार की सराहना

हिमवंती मीडिया/शिमला 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर गरीब कल्याण सम्मेलन को संबोधित किया। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। यह कार्यक्रम देश के राज्यों की राजधानी, जिला मुख्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों में भी आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के अन्तर्गत देश के 10 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों को 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता की 11वीं किस्त भी जारी की।
प्रधानमंत्री ने देशभर के पीएम-किसान सहित विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से बात की। उन्होंने लद्दाख के ताशी टडुंप, बिहार की ललिता देवी, पश्चिम त्रिपुरा के पंकज शानी, कर्नाटक के कलबुर्गी की संतोषी, गुजरात के मैहसाणा के अरविन्द के साथ वर्चुअल माध्यम से और शिमला के रिज मैदान से हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला की समा देवी से सीधे संवाद किया।
इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर हिमाचल में उपस्थित होने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने पीएम-किसान योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक किसानों को उनके बैंक खाते में पैसे मिलने पर किसानों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने शिमला से देशभर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) योजना के अन्तर्गत आर्थिक लाभ जारी करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने 130 करोड़ नागरिकों की सेवा का अवसर प्रदान करने के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने अफसोस व्यक्त किया कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय इसे व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा मान लिया जाता था। सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने के बजाय इसके सामने झुक गई थी। उस समय देश इस बात का साक्षी था कि जरूरतमंद लोगों तक पहंुचने से पहले योजनाओं का पैसा लूट लिया जाता था। उन्होंने कहा कि आज जन-धन, आधार और मोबाइल की त्रिमूर्ति के कारण पैसा सीधे लाभार्थियों के जन-धन बैंक खातों तक पहुंच रहा है। पहले रसोईघर में धुंआ झेलने की मजबूरी थी लेकिन आज उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत एलपीजी सिलेण्डर की सुविधा है। पहले खुले में शौच की शर्म थी, परन्तु आज गरीबों के पास शौचालय का सम्मान है। पहले उपचार के लिए पैसे जुटाने की लाचारी थी आज हर गरीब के पास आयुष्मान भारत का सहारा है। पहले तीन तलाक का डर था और अब अपने अधिकारों के लिए लड़ने की हिम्मत है।

प्रधानमंत्री को दी गई गरिमापूर्ण विदाई

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