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मुख्यमंत्री ने कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

शिमला(प्रेवि):– मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के लिए वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आम जनता प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करे ताकि कोरोना महामारी के प्रसार को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में राज्य के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा गरीबों और कमजोर वर्गों के लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करना भी सरकार का उत्तरदायित्व है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में है और केवल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए सिलेण्डरों की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने प्रदेश में ऑक्सीजन सिलैण्डरों की कमी को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार से अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलैण्डर प्रदान करने का आग्रह किया है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के लिए स्वीकृत किए गए पीएसए ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के कार्य में तेजी लाने के प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 जांच की रिपोर्ट तैयार करने में समय को कम करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए और इस कार्य में निजी प्रयोगशालाओं को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऊना और कुल्लू में प्रयोगशालाएं स्थापित करने को स्वीकृति मिल गई है जिसके लिए सात करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होेंने कहा कि तीन राजकीय महाविद्यालयों और आईआईटी मण्डी में प्रयोगशालाएं स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशी जानी चाहिए।
जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को होम आइसोलेशन और अस्पतालों के माध्य समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए ताकि गम्भीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल स्थानातंरित करने में देरी लोगों की मृत्यु का कारण न बने। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना कफ्र्यू के दौरान ऑक्सीजन , पीपीई किट्स, दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपायुक्त सम्बन्धित जिलों में बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाने के अलावा कोविड जांच में भी तेजी लाना सुनिश्चित करें। अस्थाई अस्पतालों के संचालन के लिए आउटसोर्स और युक्तिकरण के आधार पर पर्याप्त श्रमशक्ति उपलब्ध की जानी चाहिए। उन्होंने महामारी के दौरान ऑक्सीजन और अन्य साधनों का उचित उपयोग करने को कहा।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने इस महामारी को रोकने के लिए राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल कर्मचारियों और अन्य हितधारकों से इस महामारी से लड़ने के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित करने को मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव के कोरोना पाॅजीटिव होने के समाचार आधारहीन

चिकित्सा ऑक्सीजन की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित