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वैशाखी के अवसर पर किया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य संघ मन से मंच तक का आयोजन

पावंटा(प्रेवि):- अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य संघ मन से मंच तक का आयोजन श्रीमती शबनम शर्मा के अध्यक्षता में वैशाखी के अवसर पर किया गया, जिसमें जिला सिरमौर हिमाचल प्रदेश की महिलाओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। गोष्टी का आरंभ साधना शर्मा ने हे सीते व्रत में पुनिते पिता द्वारा किया। श्रीमती शबनम शर्मा ने जिंदगी के शहर में अब हम नहीं हमारी खामोशियां बोलती है, कविता सुनाकर सबको भावुक कर दिया। नवोदित कवित्री रविता चौहान ने नारी को हो काम जरूरी, बाहर निकलना हो मजबूरी, श्रीमती नीलम शर्मा ने मैं चलती फिरती एक मशीन हूं , फिर भी में बिचारी नहीं हूं व सरला गौतम ने कब ओर कैसे गुजर गई , जिंदगी कुछ खबर ना हुई नामक कविता सुनाई।

रानी कौर ने कोरोना पर कुदरत का है कहर व अनुद्वीप भारद्वाज ने समाज का समाज के प्रति कर्तव्य कहता है मास्क लगाओ कविता के द्वारा कोरॉना को ख़तम करने का संदेश दिया। अर्चना शर्मा ने सोच रही हूं क्या लिखूं जिससे थकान मिट जाए कविता सुनाकर तालियां बटोरी। अलका मित्तल  ने टूटता है दिल मगर आवाज नहीं होती चाह कर भी आंखों से बरसात नहीं होती वह आशा सैनी ने मौसम है बहारों का फूलों का डोला नामक कविता सुनाई।

विजय रानी बंसल ने खामोशी से बातें करना अच्छा लगता है कामा सावन में बादल का बरसना अच्छा लगता है और नवोदित कवित्री रिदम ने जब तक है जान इस वतन का फर्ज निभाएंगे कविता सुनाई व अमन दीप कौर ने ओस की बूंद जब नव से टकराई थी कविता सुनाई। गोष्ठी का अंत रेनू बुआ गोस्वामी ने जीना चाहती हूं वही उम्र वही पड़ाव एक बार फिर से कविता के द्वारा किया। अतः बैसाखी के अवसर पर किया गया यह आयोजन बहुत ही प्रेरणादायक वह सराहनीय रहा।

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