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सोलंगनाला में निर्माणाधीन पुल के अचानक ढह जाने से शटरिंग उतरने में लगे आठ मजदूर बचे बाल-बाल

हिमवंती मीडिया/ कुल्लु (रमेश कँवर)

जानकारी के अनुसार सोलंगनाला का यह पुल सात वर्ष से निर्माणाधीन था। तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सोलंग गांव के लिए सोलंग नाला पर पुल लगाने के लिए स्वीकृति प्रदान की थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस ब्रिज को बनाने के लिए बजट का भी प्रावधान किया था और निर्माण कार्य आरंभ किया गया था, लेकिन पिछले 6 सालों से इसका निर्माण कार्य अधूरे में लटका हुआ था। बताया जा रहा है कि पुल के कार्य की गुणवत्ता सही नहीं थी। करीब दो महीने पहले यह ब्रिज विवादों में भी आ गया था। यही कारण है कि इस पुल का कार्य कई वर्षों से लटका हुआ था। इसी के चलते इस पुल का नए सिरे से टेंडर किया गया था। इस ब्रिज का आधा स्ट्रक्चर बनाया गया था, लेकिन उसकी शटरिंग भी इतने सालों तक नहीं उतर पाई थी।

पुल की शटरिंग निकाली जा रही थी। इस दौरान यह पुल टूट गया। इस दौरान आठ मजदूर काम कर रहे थे। गनीमत यह रही कि ये मजदूर बाल-बाल बच गए। उल्लेखनीय है कि सोलंग गांव के लोगों को हर साल यहां नदी पर अस्थाई तौर पर पुलिया का निर्माण करना पड़ता है। इसी के चलते बरसात में पुलिया को पार करते हुए दो मासूम की जान चली गई थी। इस संबंध में अधिशाषी अभियंता अनूप शर्मा ने बताया कि पुल को तोड़ा जाना था। इसका कार्य सही नहीं हुआ था। पुल से शटरिंग निकाली जा रही थी कि यह गिर गया। अब नए सिरे से टेंडर हुए हैं और पुराने ठेके को रद्द कर दिया गया है।

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