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स्टाफ की कमी से जूझ रहा जुन्गा अस्पताल

शिमला(प्रेवि):- स्टाफ के अभाव के कारण सिविल अस्पताल जुन्गा बदहाली के आंसू बहा रहा है। 25 बिस्तर वाले इस अस्पताल में विभिन्न श्रेणियों के कुल 13 पद रिक्त पड़े हैं, जिसमें आठ पद चतुर्थ श्रेणी और सफाई कर्मचरियों के रिक्त होने से अस्पताल प्रशासन को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है । अस्पताल की सफाई का कार्य पार्ट टाइम कर्मचारियों द्वारा करवाया जा रहा है । आलम यह है कि  अस्पताल में चौकीदार व कुक का पद खाली होने से इनडोर रोगियों को भोजन भी उपलब्ध नहीं हो पाता है और तिमारदारियों को भोजन बाहर होटल से लाना पड़ता है । लैब टेक्निशियन न होने के कारण अस्पताल की लैब बंद पड़ी है जिस कारण रोगियों को अपने टेस्ट करवाने के लिए निजी लैब अथवा शिमला जाना पड़ता है जिससे लोगों की धन व समय की बर्बादी हो रही है ।

हालांकि अस्पताल में  चिकित्सकों के चार पद भरे गए हैं जिसमें एक पद सर्जन और तीन पद एमबीबीएस के शामिल  हैं। गौरतलब है कि जुन्गा जोन में आपातकालीन सेवाएं प्रदान करने वाला यह एक मात्र अस्पताल है, जहां पर चिकित्सकों को  चौबिस घंटे सेवाएं देनी पड़ती है। स्थानीय पंचायत प्रधान बंसी लाल कश्यप ने बताया कि अस्पताल की दुर्दशा के बारे सरकार को शीघ्र ही प्रस्ताव भेजकर अवगत करवाया जाएगा । जिसमें  स्त्री रोग और हडडी रोग विशेषज्ञ के पद भरने की मे मांग भी की जाएगी। उन्होने कहा विशेषकर स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने से जुन्गा क्षेत्र के लोगों को शिमला जाना पड़ता है । हालांकि इस अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा महिला प्रसूति की सेवाएं प्रदान की जा रही है । प्रधान का कहना है अस्पताल में सुविधाओं के अभाव के चलते लोग कम आने लग गए है और ओपीडी औसतन 70 रोगी प्रतिदिन रह  गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डॉ0 सुरेखा चोपड़ा ने इस बारे कुछ भी बताने बारे मना किया गया । हालांकि बीएमओ मशोबरा डॉ0 राकेश प्रताप ने बताया कि खाली पदों की रिर्पोट समय- समय पर उच्चाधिकारियों को भेजी जाती है ।

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