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‘धन्यवाद मुख्यमंत्री जी…अब हम चैन की नीद सोते हैं’

शिमला ( प्रे.वि )
पहले हमारी रातें खेतों में जंगली जानवरों से पहरेदारी करते, उन्हें भगाने को ढोल पीटते, पटाखे बजाते और रह रह कर शोर मचाते हुए गुजरती था, मगर हिमाचल सरकार ने हमारी समस्या के निदान का ऐसा पक्का इंतजाम किया है कि अब हम चैन की नीद सोते हैं।’ ये कहना है मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में अपने खेतों की सोलर बाड़बंदी करवाने वाले मंडी जिले के गथाओं गांव के किसान अमर सिंह का। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार जताते हुए कहते हैं कि उन्हें सोलर फेंसिंग से जंगली जानवरों से फसलों के उजाड़ की चिंता से निजात मिल गइई है। अमर सिंह बताते हैं कि सुअरों, बंदरों और अन्य जंगली जानवरों ने उनके लिए खेती करना मुहाल कर दिया था। 6-8 महीने पहले की बात है कि वे इससे इतने तंग आ चुके थे कि खेतों की बिजाईछोड़ने की सोचने लगे थे, फिर कृष विभाग से मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का पता चला। आवेदन करने पर विभाग से सूचीबद्ध कंपनी ने उनकी जमीन का आकलन कर 359 मीटर क्षेत्र पर सोलर बाड़बंदी का मामला बनाया। इस पर आए करीब 3 लाख रुपए के कुल खर्च में से उन्हें केवल 60 हजार रुपए ही देने पड़े, सरकार की ओर से 2.40 लाख रुपए की सब्सिडी मिली। उनका कहना है कि इस दफा भी फसल पर सुअरों ने हमला किया, मगर सोलर बाड़ से मक्की की उनकी फसल का बचाव हो गया, हालांकि उन्हें अफसोस है कि उनकी जमीन के साथ लगते खेत में पड़ोसी ने सोलर बाड़ नहीं लगवाइ थी, उसकी पूरी फसल सुअरों ने तबाह कर दी। हां अब जरूर सोलर बाड़ का फायदा देखकर गांव के और लोग भी इसे लगवाने का मन बना रहे हैं। करंट से भाग जाते हैं जानवर वे सोलर बाड़ के फायदे गिनाते हुए कहते हैं कि बाड़ में हल्का सौर आधारित करंट होता है और जैसे ही कोई जानवर इसके संपर्क में आता है उसे हल्का करंट लगता है जिससे जानवर वहां से भाग जाता है। करंट हल्का होने के चलते अगर इंसान तार छू जाए तो उसे कोई नुकसान नहीं होता। दूसरा फायदा ये है कि तार छूते ही इससे जुड़ा सायरन बजने लगता है, उससे किसान जानवरों की खेत में घुसने की कोशिश को लेकर सचेत हो जाते हैं।।

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