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समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने में लगे हैं धनबीर सिंह चौहान (अध्यक्ष, कोली समाज पांवटा साहिब )


पांवटा साहिब विधानसभा की कोली समाज इकाई के प्रधान धनबीर चौहान मूल रूप से गिरीपार के धमौन गांव के रहने वाले है। धमौन शिलाई विधानसभा की पौका पंचायत में पड़ता है जो पांवटा विधानसभा की सीमा से लगता गांव है। धनबीर चौहान पेशे से शिक्षक है। उनके पिता बुधराम गांव के नामी किसान थे जबकि उनकी माता बेसो देवी गृहिणी थी धनबीर के बड़े भाई बस्ती राम जिला परिषद सदस्य रह चुके है जबकि उनकी पत्नी सत्या चौहान 2011 से 2015 तक पौका पंचायत की प्रधान रही है। धनबीर को शुरू से ही पढाई लिखाई का शौक था उन्होने गांव के एक सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा के बाद पांवटा साहिब के शिवपुर स्कूल से बाहरवी की परिक्षा पास की और उसके बाद डिग्री कॉलेज पांवटा से बी कॉम की डिग्री हासिल की हैं। हाल ही में उन्होने पीएचडी के लिए पंजीकरण करवाया है लेकिन अभी तक उसमें सफलता नही मिल पाई है। पढाई के साथ साथ उनको शुरू से ही समाजसेवा में रूची थी जिसके चलते वह गांव के नवयुवक मंडल प्रधान से आज कोली समाज के अध्यक्ष पद तक पंहुचे है। सिरमौर जिला के गिरीपार में कोली समाज की डगर बहुत ही कठिन और चुनौतिपूर्ण है ऐसे में अध्यक्ष पद की कमान संभालना आम आदमी के बस की बात नही है। लेकिन धनबीर चौहान ने इसे निभाने के लिए कमर कस ली है। गिरीपार राजपूत बाहुल्य है जिसमें कोली बिरादरी के साथ जबरदस्त दुर्भवना व भेदभाव होता है। दो साल पहले शिलाई के निर्वतमान अध्यक्ष केदार सिहं जिंदान की कुछ लोगो ने कथित तौर पर हत्या कर दी थी जिंदान कोली समाज के लिए काम करते थे। इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए धनबीर ने यह पद संभाला है। पांवटा साहिब विधानसभा में कोली समुदाय का करीब पाच हजार वोट है जो सियासी तौर पर बहुत मायने रखता है। हिमवंती मिडिया से बातचीत करते हुए धनवीर चौहान ने बताया कि उनका मकसद कोली बिरादरी को आगे ले जाना है और समाज में व्याप्त कुरीतीयों को समाप्त कर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना है।

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