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जानवरों से बहुत लगाव रखती थी डॉ. प्रियंका रेड्डी – पशु चिकित्सक ,हैदराबाद

पेशे से पशु चिकित्सक युवती जिनका कुछ माह पूर्व हैदराबाद में निर्भया जैसे कांड को ताजा करती दुष्कर्म की शिकार महिला डाक्टर जिसे बाद में जिंदा जला दिया गया वह हैं डॉ. प्रियंका रेड्डी। जिनके साथ एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश में निर्भया कांड को ताजा कर दिया। यह घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना थी।  प्रियंका रेड्डी का जन्म 1992 को नई हैदराबाद, तेलगांना, भारत में हुआ था। वह एक पशु चिकित्सक थी। उनके पिता श्रीधर रेड्डी एक सरकारी कर्मचारी हैं तथा माता विजया रेड्डी एक सीधी सादी गृहिणी का दायित्व बखूबी निभा रही हैं। इनकी एक मात्र बहन भाव्या रेड्डी हैं।  प्रियका रेड्डी ने अपने करियर की शुरूआत बतौर पशु चिकित्सक के तौर पर की चूंकि उन्हें जानवरों से विशेष लगाव था इसलिए वह बचपन से ही पशु चिकित्सक बनने की चाह रखती थी। प्रियंका हैदराबाद के शादनगर के पास कोल्लुरू गांॅव के एक पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सक अपनी सेवायें दे रही थी।  प्रियंका रेड्डी ने अपने जीवन में कभी इस प्रकार की कल्पना भी नहीं की होगी कि उनकी मौत इतनी भयानक होगी। 27 नवम्बर 2019 की रात जब प्रियंका अपनी ड्यूटी से घर वापिस लौट रही थी तो अचानक स्कूटी में कुछ खराबी आ गई और हैदराबाद के शमशाबाद में वह रात के समय अकेली ही थी जहॉं से उन्होंने अपनी छोटी बहन को फोन पर बतापया कि उसकी स्कूटी पंक्चर हो गई है। प्रियंका के इसी अकेले पन का फायदा उठाकर कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने बड़ी बेरहमी से दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाकर हत्या कर दी। प्रियंका ने अपनी बहन से आखिरी बार साढ़े 9 बजे बात की और उसके बाद उनका फोन बंद हो गया।  28 नवम्बर 2019 की सुबह स्थानीय लोगों द्वारा प्रियंका के बरु तरह जले हुए शरीर को शमशाबाद के बाहरी इलाके में एक खुले मैदान में पाया गया। पजिनों ने प्रियंका की पहचान उसके गले में पड़े लॉकेट से की और हैदराबाद पुलिस ने चार दरिंदों को इस मामले में गिरफ्तार किया जिन्हें बाद में एनकाउंटर कर मार दिया गया। इस घटना ने एक बार पूरे देश को हिलाकर रख दिया जहॉं इस तरह की दंरिदंगी के कारण पूरे देश शर्मसार हो गया लेकिन पुलिस ने उन चारों दोषियों को मार कर उन्हें सजा तो दे दी और कहीं न कहीं प्रियंका को भी इन्साफ मिल गया लेकिन क्या इस तरह की घटनाएं दोबारा नहीं होगी, ऐसा संभव है। जब तक देश में इस प्रकार के दरिंदे पैदा होते रहेंगे, हमारी बहन, बेटियां सुरक्षित नहीं रह सकती।  क्या कोई बता सकता कि क्या कसूर था उस निर्भया कांड में बलि चढ़ी उस मासूम का तथा प्रियंका का जिन्हें दंरिदों के हाथों अपनी जान गंवानी पड़ी।  आज सरकार ने निर्भया कांड के आरोपियों को जो फॉंसी की सजा सुनाई है उससे सरकार की जितनी तारीफ की जाए कम है लेकिन इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न घटे इसके लिए भी सभी देशवासियों को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

आयुष

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