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मुख्यमंत्री ने ऊर्जा क्षेत्र के लिए 3184 करोड़ की सिफारिश करने पर केन्द्र का किया आभार व्यक्त

शिमला ( प्रे.वि )-
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल जल विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र विकास परियोजना के लिए को विश्व बैंक के माध्यम से 3184 करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की सफारश करने के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त कया है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की आज हुई बैठक में इस कार्यक्रम को अनुमोदन के लिए स्वीकार कर लिया। हिमाचल प्रदेश को यह धनराशि 90 प्रतिशत अनुदान और 10 प्रतिशत ऋण के रूप में मिलेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव ;विद्युतद्ध राम सभुग सिहं के नेतृव में एक टीम जिसमें एमडी एचपीपीटसीएल आर.के शर्मा, विशेष सचिव ( ऊर्जा ) हेम राज बरैवा और ऊर्जा क्षेत्र के अन्य अधिकारियों ने प्रस्ताव को आर्थिक मामल के विभाग के समक्ष रखा। इस परियोजना का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के तीन खंडों यानी उत्पादन, संचार और वितरण में निवेश के माध्यम से राज्य के बिजली क्षेत्र का समग्र विकास करना है। जनरेशन परयोजना के लिए 1600 करोड़ रुपये की धनराशि पहले से ही चल रही 450 मेगावाट की शोंगटोंग करछम बिजली परियोजना परयोजना के लिए दी जाएगी । यह एचपीपीसीएल की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जो 11 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट के बजाय 6.3 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की उचित दर पर ऊर्जा पैदा करेगी। परयोजना शुरू होने के बाद राज्य को हर वर्ष 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। यह राज्य सरकार द्वारा लाया गया अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है जिसमें किसी भी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की भागीदारी के बिना और पर्याप्त धन उपलवध नहीं होने के कारण वित्तीय कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। विद्युत वितरण के क्षेत्र में 937 करोड़ रुपये की धनराशि हिमाचल के 13 अलग-अलग शहरों में खर्च होगी। इनमें सोलन, बद्दी, नालागढ़, नाहन, पांवटा साहिब, मण्डी, सुन्दरनगर, बिलासपुर, कुल्लू, मनाली, ऊना, परवाणु और हमीरपुर शामिल हैं। कुल 2.60 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। इस घटक के अन्तर्गत सकाड़ा, स्मार्ट मीटर, सम्पत्तियों की जीआईएस मैपिंग, खराबियों की स्वचलित खोज, भूमिगत केबल कार्य आदि का कार्य किया जाएगा ताकि बिजली की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार आए, बिजली के नुकसान को कम किया जा सके तथा उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़े।

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