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राजगढ़ ब्लॉक में किए गए सर्वेक्षण में हुई 302 लावारिस पशुओं की पहचान

राजगढ़ ( प्रे.वि )
राजगढ़ ब्लॉक की विभिन्न पंचायतों में 302 लावारिस पशु पाए गए है जिन्हें कॉऊ सेक्चुरी कोटला बड़ोग में आगामी 17 फरवरी तक पहूंचाया जाएगा । यह जानकारी विकास खण्ड अधिकारी राजगढ़ रमेश शर्मा ने वीरवार को देते हुए कहा कि जिला प्रशासन के निर्देशानुसार राजगढ़ में लावारिस पशुओं की पहचान के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से विशेष सर्वेक्षण किया गया था जिसमें ब्लॉक की विभिन्न पंचायतों में 302 लावारिस पशु पाए गए है । उन्होने बताया कि संबधित पंचायतों के सचिवों को निर्देश दिए गए है कि वह सभी लावारिस पशुओं को 17 फरवरी तक कोटला बड़ोग स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी गौ-अभ्यारण्य शाला में पहूंचाना सुनिश्चित करेगें । रमेश शर्मा ने जानकारी दी कि सबसे अधिक 30 लावारिस पशु ग्राम पंचायत शाया सनौरा में पाए गए है । इसी प्रकार कोटला बांगी में 25 पशु, शलाणा, नेहरपाब, नेरी कोटल और बोहल टालिया पंचायत में क्रमशः 10-10 पशु, राणाघाट और हाब्बन पंचायत में 11-11 पशु, दाहन पंचायत में आठ, टिक्कर मे सात, नेहरटी भगोट में चार, डिंबर में 16, काथली भरण में पांच, करगानू में 15, सेर जगास में पांच, दीदग में 15, टाली भुज्जल में 8, कोठिया जाजर में 15, थैना बसोतरी और भाणत पंचायत में 12-12, माटल भखोग में 15, कोटी पधोग पंचायत में दो, डिब्बर पंचायत में 13, देवठी मझगांव में 12 और ठौड़ निवाड़ पंचायत में दो पशु लावारिस पशुओं की पहचान की गई है । उन्होने बताया कि भविष्य में लावारिस पशुओं को छोड़ने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी । उन्होने बताया कि लोगों को पशुओं के प्रति सकारात्मक सोच रखनी होगी तभी पशु लावारिस बनकर सड़कों पर विचरण नहीं करेगें। उन्होने कहा कि लोगों को लावारिस पशुओं को छोड़ने वाले व्यक्ति की सूचना प्रशासन अथवा पुलिस को देनी चाहिए ताकि ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके। उन्होने बताया कि लावारिस पशु अनेक बार वाहन दुर्घटनाओं का शिकार भी बन जाते हैं । इसके अतिरिक्त यह पशु लोगों की फसलों को भी नुकसान भी पहुंचाते हैं ।

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