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हंसमुख प्रवृत्ति की महिला हैं सीमा बोस(सेवानिवृत्त अध्यापिका)

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में अध्यापिका के पद से सेवानिवृत्त सीमा बोस जहाॅं अध्यापन कार्य में दक्ष हैं वहीं समाज सेवा में भी इनकी विशेष रूचि है।यह एक ऐसी महिला है जिसमें एक ऐसा गुण विद्यमान है जिससे कोई भी मिलने वाला उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता। ऐसे लोगों की गिनती जहाॅं चंद ही लोगों में की जाती हैं वहीं यह महिला भी उन चंद लोगों में अपनी पहचान रखती है। सीमा का जन्म 6 दिसम्बर 1961 को अपने ननिहाल मुरादाबाद उत्तरप्रदेश में हुआ। इनके पिता अनिल कुमार बोस एक कुशल प्रबन्धन एवं आत्मविश्वास के साथ-साथ विलक्षण प्रतिभा के धनी थे तथा माता श्रीमती कुसुमलता एकदम सौम्य स्वभाव की महिला। यह चार भाईयों की इकलौती बहन है। इनके चारों भाई अजय, संजय, दीपक तथा कपिल आगरा में रहते हैं।इन्होंने अपनी पढ़ाई प्राथमिक शिक्षा जहाॅं 1971 में मुरादाबाद से पूरी की वहीं उच्च एवं उच्चतर शिक्षा आगरा से हासिल की।उसके बाद वर्ष 1983 में बैकुंठी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय आगरा से इन्होंने समाज शास्त्र विषय में कला निष्णात की उपाधि प्राप्त की।विद्यार्थी जीवन में अपनी प्रतिभा एवं कला से इन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई।भगवान कृष्ण की जन्मभूमि आगरा से शिक्षा ग्रहण करने के बाद यह हिमाचल आई।जहाॅं सिरमौर ट्रक आपरेटर युुनियन में प्रबन्धक सुरेश चंद अग्रवानल से सन् 1985 में इनका विवाह सम्पन्न हुआ।जिनसे वर्ष 1988 में एक लक्ष्मी स्वरूप पुत्री प्रिया इनके जीवन बहार में आई।प्रिया का विवाह हरबर्टपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायी प्रमोद गर्ग से हुआ। सीमा ने सन् 1986 में सरस्वती विद्या मनिदर पांवटा साहिब से अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया तथा वर्ष 1987 में राज्य स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला में समन्वयक की भूमिका अदा करते हुए विशेष पहचान बनाई। सन् 1991 में इन्होंने बीबी जीत कौर स्कूल में भी अध्यापन कार्य में अपनी सेवायें दी और वर्ष 2001 में इनके कठिन परिश्रम, योग्यता एवं क्षमता के चलते हि.प्र. शिक्षा विभाग में इनका चयन भाषा अध्यापिका के रूप में हुआ और राजकीय उच्चविद्यालय द्राविल सिरमौर में इन्होंने पहली तैनाती पाई।वर्ष 2006 से वर्ष 2012 तक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पुरूवाला में इन्होंने अपनी सेवायें दी और फिर 2013 से 2017 तक अपनी कार्यशैली से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शिवपुर को प्रभावित किया।उसके बाद वर्ष 2017 में राजकीय वरिष्ठ कन्या विद्यालय पांवटा साहिब में इनका स्थानान्तरण हुआ और यही से यह 31 दिसम्बर् 2019 को सेवानिवृत्त हुई। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 2010 में जहाॅं डाईट नाहन द्वारा प्रदत्त विशेष सम्मान से इन्हें सम्मानित किया गया वहीं सितम्बर 2019 में रोटरी क्लब पांवटा द्वारा इन्हें राष्ट्र निर्माता शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा गया। यह अपनी आदर्श शिक्षिका का दर्जा 10+2 की इतिहास प्रवक्ता भारती से ठीको देती हैं।राजनीति में यह महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस को पसन्द करती हैं वहीं फिल्मी अभिनेताओं में जहाॅं अभिताभ बच्चन इन्हें पसन्द हैं वहीं अभिनेत्रियों में हेमामालिनी को पसन्द करती हैं।अपने जीवन में सबसे अधिक दुःख इन्हें जहाॅं अपने माता-पिता के देहावसान पर हुआ था वहीं एकमात्र पुत्री जब इनके जीवन बहार में आई उस दिन को यह सबसे सुखद दिन मानती हैं।इन्हें पत्रकारिता, लेखन कार्य करना, कविता पाठ करना तथा विभिन्न तरह के व्यंजन बनाना खूब अच्छा लगता है। खाने में अरहर की दाल, रोटी, दही, चटनी व आलू गोभी इन्हें पसन्द है जब कि सच्चाई यह है कि खाने से ज्यादा खिलाना इन्हें खूब भाता है।पति से काफी मधुर सम्बन्ध हैं जो कठिन परिश्रमी, मिलनसार एवं ईश्वर में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं।

सकारात्मक चुनाव की जीत

13 फरवरी को कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर रहेंगे मुख्यमंत्री