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समाज के प्रति जागरूक व सवेदनशील महिला थी श्रीमती सीता देवी

मॉं एक ऐसा शब्द है जिसके उच्चारण मात्र से देवी-देवताओं का वन्दन हो जाता है।मॉं से पूजनीय दुनिया में कोई भी नहीं है और मॉं के जाने से संतान अपने आपको असहाय महसूस करने लगती है। यही कमोवेश स्थिति आज पांवटा के मशहूर उद्योगपति सुरेश गर्ग की है जो एक जियोन लाईफ सांईसेज नामक औद्योगिक समूह के स्वामी है।इनकी माता श्रीमती सीता देवी जिनका गत 11.12.19 को पांवटा साहिब में उनके निवास स्थान पर निधन हो गया है, उनके तथा उनके परिवार के बारे में जानने का मौका मिला।वह एक सम्पन्न परिवार की बहू के रूप में दिलीप चंद गर्ग के जीवन में सन् 1943 को आई।जब उनकी सीता देवी की शादी दलीप चंद गर्ग से हुई तो वह बहुत कम उम्र की थी। इनके पति मंडी डबवाली व पीली बंगा में कॉटन जिनिंग/ प्रेसिंग एवम आयल इंडस्ट्रीज चलाते थे।कर्मठ व्यक्तित्व के धनी दलीप चंद गर्ग आरम्भ से ही अत्यंत मेहनती, कार्य के प्रति निष्ठावान तथा ईमानदार उधमी के साथ साथ सामाजिक व धार्मिक कार्यों में भी पूर्णतया सलंग्न रहते हैं।मंडी डबवाली व पीली बंगा में तो उन्हें भामाशाह के तरह माना जाता है, जब भी कोई सामाजिक या धार्मिक कार्य हेतु किसी धनराशि की आवश्यकता हुई तो वह कभी पीछे नही हटे।दिलीप चंद गर्ग विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं में अध्यक्ष पद पर निर्विरोध निर्वाचित होते रहे हैं और 15 वर्ष से भी अधिक कई संस्थाओ में अपनी सेवाएं बतौर अध्यक्ष पद पर होते हुए दी हैं। श्रीमती सीता देवी के बारे उनकी पुत्र वधू श्रीमती रानी गर्ग से बातचीत कर पता चला कि वह अवश्य एक साधारण घरेलू महिला थी,परन्तु समाज के प्रति पूर्ण जागरूक व सवेदनशील महिला थी।वह भगवान में अटूटनिष्ठा व विश्वास रखती थी।स्वयं अशिक्षित थी परन्तु अपने सभी बेटे बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करवाई, हालांकि पति कार्य के सिलसिले में प्रायः बाहर रहते थे परन्तु उन्होंने तपस्वी जीवन बिताते हुए अपने सभी बच्चों को उच्चसंस्कार देते हुए लालन पालन किया। उनके बड़े बेटे जो पेशे से शिशु चिकित्सक हैं, अपने परिवार सहित अमेरिका में रहते हैं, उनके परिवार में सभी डॉक्टर्स हैं और यूएसए में सम्पन्न जीवन व्यतीत कर रहे हैं, उनके दूसरे पुत्र राधे श्याम का आकस्मिक निधन हो गया था, उनके सबसे छोटे पुत्र सुरेश गर्ग पांवटा साहिब के जाने माने उद्यमी हैं और जियोन लाइफसाइंसेज लिमिटिड नामक न्यूट्रासेटिकल इंडस्ट्री का प्रबंधन करते हैं।परिवार वालों ने बताया कि श्रीमती सीता देवी के जीवन में अनेक दुःख भी आये परन्तु उन्होंने कभी हांसला नहीं खोया, व भगवान पर दृढ़ विश्वाश बनाये रखा । उनके एक पुत्र व एक पुत्री का भी निधन उनकी आंखों के सामने हुआ, परन्तु उनकी भगवान के प्रति निष्ठा व विश्वास में कभी कोई कमी नहीं आई। जीवन में कई क्षण ऐसे आये जब व्यापार में कठिन समय आया, परन्तु उन्होंने अपने पुत्र को ढांढंस बंधाते हुए मात्र इतना कहा कि भगवान पर निष्ठा रखो वह सब सही कर देंगे।अंततः उनका कथन सही निकला, आज वह सभी बाधाओं से निकलकर सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला रहे हैं।इनकी चार पुत्रियां भी हैं जो सभी अपना सम्पन्न जीवन यापन कर रही हैं। उनके पुत्र सुरेश गर्ग व डॉ संतोष गर्ग ने बताया कि उनकी माता जी निरन्तर यदाकदा उन्हें धार्मिक व सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित करती रहती थी, और पिछले वर्ष ही उनके कहने पर सुरेश गर्ग ने गीता भवन मंदिर के नवीनकरण हेतु सहयोग किया, उनके बड़े पुत्र डॉ संतोष गर्ग भी उनकी ही प्रेरणा से पांवटा साहिब के गांव कुंजामतरालियों में एक निःशुल्क क्लिनिक जो की राधे श्याम गर्ग च्प्चौरिटेबल ट्रस्ट के नाम से चल रहा है को पूर्णतया वित्तिय योगदान देकर चला रहे हैं।
यही नहीं जब उनकी फैक्ट्री में कार्यरत कुछ कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह तो उनके लिए आशीषों वाली बिजी थी, सदैव प्रसन्न चित रहती व कभी किसी को अपने घर से बिना कुछ खिलाये नहीं भेजती थी।फैक्ट्री में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक बार वह देवीनगर में अर्धनिर्मित मंदिर के पूर्ण निर्माण हेतु हरे कृष्ण चेतना मिशन की ओर से कुछ योगदान हेतु प्रस्ताव आया तो उन्होंने तुरंत सुरेश गर्ग को उक्त कार्य हेतु यथा सम्भव योगदान करने को कह दिया जो कि उन्होंने किया भी।सुरेश गर्ग ने बातचीत के दौरान बताया कि उनके माता पिता के संस्कार और पांवंटा साहिब के लोगो का प्यार ही है कि वह सदैव अपने आपको पांवटा साहिब में होने वाले सामाजिक कार्यों में यथा सम्भव सहयोग देने के प्रेरित रहते हैं।श्रीमती सीता देवी अपने अथक जीवन की अंतिम सांस अपने पुत्र सुरेश गर्ग जी की गोद में ली, समस्त परिवार उनके स्नहे से वंचित होने पर शोकागुल है, भगवान कृष्ण उन्हें अपने निज धाम में जगह दें, इसी कामना के साथ उनके परिवार व सम्बन्धियों को हिमवंती परिवार की ओर से गहरी सवेंदनाएँ। सीता देवी की याद में एक श्रद्धॉंजलि समारोह एवीएन रिजोर्ट में 15 दिसम्बर 2019 को किया गया जिसमें भगवती पूर्ण वातावरण के बीच लोगों ने उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।इस मौके पर शहर के सभी गणमान्य व्यक्ति और दूर-दूर से आये नाती-रिश्तेदारों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।

शीर्ष न्यायालय की अनूठी पहल

गुरमेहर कौर