Homeचर्चित चेहराउत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेता त्रिवेन्द्र सिंह रावत ( मुख्यमंत्री...

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेता त्रिवेन्द्र सिंह रावत ( मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार )

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी के नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 मार्च 2017 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। त्रिवेन्द्र सिंह रावत भारतीय राजनीति में एक दक्षिण पंथी नेता है। ये गढ़वाल के रहने वाले हैं। इन्होने भारतीय राजनीति में दक्षिण पंथी विचारधारा के साथ अपना राजनैतिक सफर तय करने की ठानी. ये सन 1979 से सन 2002 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सदस्य रहे। ये भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के करीबी रहे, और उन्हीं के जरिये ये भारत के तत्ल्कालिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंचे। लगातार भारतीय राजनीति में सक्रिय रहने की वजह से इनकी साख मजबूत होती गयी। इस साल हुए उत्तराखंड विधानसभा में भी इन्होने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. ये उत्तराखंड राज्य के नौवें मुख्यमंत्री बने हैं। त्रिवेन्द्र सिंह रावत का जन्म उत्तराखंड के गढ़वाल जिले के खैरसेन नामक गाँव में हुआ। ये राजपूत परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। यह अपने परिवार के नौवें और सबसे छोटे बेटे हैं। इन्होने पत्रकारिता में मास्टर डिग्री श्रीनगर के बिरला कैंपस से हासिल की. बिरला कैम्पस हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्व विद्यालय के अधीन काम करता है। इनके परिवार से कई लोग भारतीय आर्मी में कार्यरत रहे है। इनके पिता प्रताप सिंह गढ़वाल राइफल्स में कार्यरत थे तथा माता श्रीमती बोछा देवी एक सीधी-सादी गृहिणी। उन्नीस वर्ष की छोटी सी उम्र में ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में जाने लगे और वहाँ के सदस्य बन गये। बचपन गाँव में गुजरने की वजह से इनका मन गाँव की तरफ अधिक झुका रहता है। त्रिवेन्द्र गाँव जाना बहुत पसंद करते हैं.  सन 1979 में रावत ने दक्षिणपंथी विचारधारा की सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सदस्यता ली और सन 1985 में संघ प्रचारक की हैसियत से काम करने लगे। इसके बाद इन्हांेने भारतीय जनता पार्टी में सदस्यता ली और इनका पैर सक्रिय राजनीति के मैदान में पडा। भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ही रची हुई पार्टी है। इस दौरान वे सन 1993 में भाजपा के आयोजक सचिव हुए और इन्हें भाजपा के सीनियर नेता लालजी टंडन के साथ काम करने का मौका मिला। ये उत्तराखंड आन्दोलन में भी बहुत सक्रीय नजर आये।  उत्तराखंड को उत्तरप्रदेश से हटा कर एक नये राज्य के निर्माण के लिए था। इस आन्दोलन के दौरान इन्हें कई बार गिरफ्तार होना पड़ा. सन 2000 में एक अलग राज्य के निर्माण के बाद इन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड का पार्टी अध्यक्ष बना दिया। इस दौरान इन्होंने कई और राजनैतिक गतिविधियाँ दिखाई। इस दौरान इन्होने सन 1989 उत्तरप्रदेश के मेरठ से प्रकाशित राष्ट्रदेव के संपादक के तौर पर काम किया। सन 2002 में इन्होने डोईवाला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। इसके बाद ठीक पांच साल बाद इन्होने पुनः इसी सीट से चुनाव लड़ा और फिर विजयी हुए। त्रिवेन्द्र मार्च 2013 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव के रूप में नियुक्त हुए। इनकी सक्रियता, इनकी क्षमता और काम करने के तरीके को देख कर, इन्हें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अपने साथ उत्तर प्रदेश के चुनाव के कार्यभार के लिए चुना। सन 2014 में इन्हें ‘न्यू वोटर कैम्पिंग कमिटी’ में अमित शाह, पूनम महाजन और नवज्योत सिंह सिद्धू के साथ रखा गया। इस काम में भी ये बहुत अच्छा करते हुए नजर आये। सन 2014 में इन्हें झारखण्ड राज्य में भारतीय जनता पार्टी के इंचार्ज के रूप में काम करने का मौका मिला। साथ ही तात्कालिक केन्द्रिय सरकार की एक प्रोजेक्ट ‘नमामि गंगे’, जिसका मूल उद्देश्य गंगा को प्रदुषण मुक्त करना है, में भी इन्हें सदस्य के तौर पर रखा गया। इनका विवाह सुनीता से हुआ जो एक पढ़ी लिखी महिला हैं। इन्हें भगवत्गीता पढ़ना अच्छा लगता है।

RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments