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आपदाओं में नुकसान से बचाने में कारगर सिद्ध होगा जूआरे – उपायुक्त

हिमवंती मीडिया/ कुल्लू 
जिला आपदा प्रबंधन कुल्लू ने विभिन्न प्रकार की आपदाओं से निपटने तथा आपदा आने पर नुकसान से बचने के लिये जागरूकता की एक अद्धितीय पहल ‘जूआरे’ नाटक तैयार किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त ने कहा कि जूआरे एक शानदार नाटकीय विधा है, जिसमें आपदाओं से निपटने के तौर-तरीकों को बेहद प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है। समाज का प्रत्येक व्यक्ति जूआरे को देखें और जानें ताकि वह किसी भी प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित आपदा से सुरक्षित रह सके। जूआरे में आगजनी की घटनाएं, भूकॅम्प, ग्लेशियर, भूःस्खलन, बाढ़, बादल फटना जैसी घटनाओं में बचाव के बारे में लोगों को प्रभावी ढंग से जागरूक करने का प्रयास है। आशुतोष गर्ग ने कहा कि जूआरे के लेखक और निदेशक नितिश है और इसकी अवधि 40 मिनट की है। नितिश ने जूआरे का निर्देशन आकर्षक ढंग से किया है जिसे सभी लोग पसंद करेंगे।
उपायुक्त ने कहा कि जूआरे मंचन का उद्देश्य स्थानीय लोगों को आपदाओं के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा स्थानीय स्तर पर कौन से संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता है, इसके बारे में जानकारी व जागरूकता प्रदान करना है। इसके अलावा, प्रत्येक पंचायत में स्कूल स्तर के बच्चों द्वारा संसाधनों की सूचि तैयार करना है जो आपदा के दौरान उपयोग में लाए जा सकते हैं। स्थानीय क्षेत्र किन-किन आपदाओं के लिये संवेदनशील है, इसका मैप भी तैयार करवाना जूआरे का उद्देश्य है। स्थानीय लोगों व बच्चों की स्थानीय तौर पर एक टास्क फोर्स तैयार करना भी इसका उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि स्थानीय कार्यबल को समय-समय पर प्रशिक्षण के माध्यम से उनका क्षमता निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला की 235 ग्राम पंचायतों में एक ही दिन एक ही समय पर जूआरे के मंचन के लिये प्रशिक्षित अध्यापक नाटक मण्डली के निदेशक के तौर पर कार्य करेंगे। जूआरे को यू-ट्यूब पर भी अपलोड किया गया है।

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