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एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने छात्र मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

शिमला(प्रेवि):- विश्वविद्यालय पिछले एक साल से छात्र समुदाय के लिए बंद है। छात्र जैसे -तैसे अपने स्तर पर पढ़ाई कर रहा है, लेकिन अब जब स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है, लेकिन ऑनलाइन शिक्षा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की जा रही है और दूसरी ओर सभी छात्रों तक नेटवर्क की उपलब्धता भी एक चिंता का विषय है। महामारी की आड़ में प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ने का काम कर रहा है। इस दौरान छात्रों को सिर्फ मानसिकता तनाव से जूझ रहा है लेकिन इन समस्याओं का हल निकालने के बजाय प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाने की ही कोशिश कर रहा है। एसएफआई का साफ कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए विश्वविद्यालय को नियमित रूप से छात्र समुदाय के लिए खोल दिया जाए।

विश्वविद्यालय में गैर शैक्षणिक अधिकारी वर्ग ने कोरोना के चरम पर होने के के समय में अपनी सेवाएं विश्वविद्यालय को दी है। परंतु विश्वविद्यालय की ओर से जय शिक्षक वर्ग के लिए किसी प्रकार की पेंशन सुविधा का प्रावधान नहीं है एसएफआई का साफ मानना है कि विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक वर्ग के लिए भी पेंशन सुविधा का प्रावधान किया जाए।
विश्वविद्यालय में हो रही भर्तियां भी सवालों के घेरे में है सरकारें आती जाती हैं और विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों के पदों पर अपने चहेतों को भर्ती करवाने का ही काम होता है। अभी वर्तमान समय में भी विश्वविद्यालय में ऐसे ही हो रहा योग्यता पूरी किये बिना भी प्रोफेसर्स की भर्ती हो रही है जो शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे बेहतर बना सकते हैं एसएफआई का साफ मानना है कि भर्तियां बिना किसी पक्षपात के साथ पूरी की जानी चाहिए योग्य व्यक्ति को ही नियुक्त किया जाना चाहिए।

विश्वविद्यालय में पिछले लंबे समय से छात्र संघ चुनावों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है जिसका सिधा असर दिख रहा है छात्र विरोधी निर्णय छात्र समुदाय पर थोपने का काम किया जा रहा है एसएफआई का साफ मानना है कि चुनावों पर प्रतिबंध होने से हो छात्र व्यापकता के साथ अपनी मांगों को बड़े स्तर पर नहीं उठा पा रहा है, इसके साथ निम्न मांगो को लेकर भी कार्यकारी परिषद के सदस्यों को निम्न मांगों लेकर भी आगाह किया गया।

1 विश्वविद्यालय को सभी छात्रों के लिए खोल जाए।
2 2014 में निष्कासित छात्र नेताओं का निष्कासन रदद् किया जाए।
3 गैर शैक्षणिक भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए।
4 विश्वविद्यालय पोस्ट डॉक्टरेट फेलोशिप को बढ़ाया जाए।
5 छात्रवृत्ति को जल्द से जल्द आवंटित किया जाए।
6 ERP सिस्टम की खामियों को जल्द दूर किया जाए।
7 विश्वविद्यालय के छात्रों को कॉमन रूम की सुविधा दी जाए।
8 मेरिट बेस्ड प्रवेश प्रक्रिया में संलिप्त कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाए।
एसएफआई का साफ मानना है कि अगर इन मांगों को जल्द ही पूरा नही किया गया तो आने वाले समय में तमाम छात्र समुदाय को लामबद्ध करते हुए प्रदेश व्यापी आंदोलन के अंदर जाएगा जिनका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।

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