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शिक्षा में सुधार न आने की स्थिति में लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ की जाएगी कार्यवाही:-बीआर शर्मा

हिमवंती मीडिया/नाहन 

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवता का असली चेहरा तक सामने  आया जब अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा शिमला बीआर शर्मा ने सिरमौर के प्रवास के दौरान पांवटा साहिब की प्राथमिक पाठशाला क्यारदा का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होने पांचवी कक्षा के बच्चों से एक साधारण सा घटाव का सवाल पूछा कि 572 में 478 घटाने पर शेष कितने रहे । हैरानी की बात है कि 14 बच्चों में से केवल तीन बच्चों ने इसका सही उत्तर दिया । इस पाठशाला में कुल अतिरिक्त निदेशक ने स्कूल के अध्यापकों से मौके पर ही जवाब मांगा तो शिक्षकों  ने बताया कि माता-पिता बच्चों पर ध्यान नहीं देते हैं। शिक्षकों के जवाब से अतिरिक्त निदेशक असंतुष्ट नजर आए। अतिरिक्त निदेशक ने सवाल उठाया कि जब पांचवीं कक्षा में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र साधारण से घटाव के सवाल का जवाब नहीं दे सकते हैं तो ये माता-पिता का नहीं, बल्कि शिक्षकों का दोष है, क्योंकि छात्र विद्यालय में 5 से 6 घंटे स्कूल में व्यतीत करते हैं।

       
यदि पांचवी कक्षा तक भी छात्रों को जमा व घटाव नहीं सिखा सकते तो इसके लिए किसी और को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। अतिरिक्त निदेशक ने इस बात पर भी खेद प्रकट किया कि विद्यालयों का सुपरवाइजरी सिस्टम भी शिक्षकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पा रहा। अतिरिक्त निदेशक ने स्कूल के शिक्षकों को दो महीने की मोहलत देते हुए कहा कि इस अवधि में विद्यार्थियों को घटाव व जमा के अलावा भाग व गुणा के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उन्होने स्पष्ट तौर शिक्षकों को हिदायत दी कि यदि, विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं आया तो शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और  दो महीने बाद दोबारा स्कूल का निरीक्षण करेंगे। डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि शिक्षा की गुणवता पर विशेष ध्यान दिया जाए। शिक्षा में सुधार न आने की स्थिति में लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी ।

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