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गोपनीयता क्षमता और अनुशासित आचरण लोकसेवकों के आभूषण है :- राष्ट्रपति मुर्मु

हिमवंती मीडिया/ मसूरी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के 97वें फाउंडेशन पाठ्यक्रम के विदाई समारोह में सम्मिलित हुईं। प्रशिक्षु अधिकारियों को सम्बोधित करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि इस समय जब वे उन सभी को सम्बोधित कर रही हैं, तो सरदार वल्लभ भाई पटेल के शब्द उन्हें याद आ रहे हैं। अप्रैल 1947 में सरदार पटेल भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से मिल रहे थे।

उस समय उन्होंने कहा था, “प्रत्येक जनसेवक, चाहे वह किसी भी दायित्व का निर्वहन कर रहा हो, हमें उससे सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करनी चाहिये और यह उम्मीद रखना हमारा अधिकार है।” राष्ट्रपति ने कहा कि हम गर्व से कह सकते हैं कि जनसेवक इन उम्मीदों पर खरे उतरे है।

उन्होंने कहा है कि इस पाठ्यक्रम के प्रशिक्षु अधिकारियों को सामूहिक भावना के साथ देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठानी चाहिये। उन्होंने कहा कि उनमें से कई अगले 10-15 वर्षों के लिये देश के एक बड़े भू-भाग में प्रशासनिक कामकाज करेंगे तथा जनमानस से उनका सीधा संपर्क रहेगा।

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