in

प्रधानमंत्री ने न्यू भाउपुर-न्यू खुर्जा खंड तथा पूर्वी समर्पित मालढुलाई गलियारे के संचालन नियंत्रण केंद्र का किया उद्घाटन

 

शिमला(पीआईबी):- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्यम से न्यू भाउपुरन्यू खुर्जा खंड तथा पूर्वी समर्पित मालढुलाई गरियारे के संचालन नियंत्रण केन्द्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री, पीयूष गोयल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आधुनिक रेल अवसंरचना परियोजना को धरातल पर लागू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जब खुर्जा भाउपुर मालढुलाई गलियारे में पहली मालगाड़ी चलती है तो हम आत्मनिर्भर भारत की दहाड़ सुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रयागराज स्थित संचालन नियंत्रण केन्द्र आधुनिक नियंत्रण केंद्रों में से एक हैजो नए भारत की नई ताकत का प्रतीक है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी राष्ट्र की ताकत का सबसे बड़ा स्रोत है। उन्होंने कहा कि जब भारत एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा हैतो सबसे अच्छी कनेक्टिविटी देश की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछले छह वर्षों से आधुनिक कनेक्टिविटी के हर पहलू को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार राजमार्गोंरेलवेवायुमार्गजलमार्ग और आईवे के पांच पहियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वी समर्पित मालढुलाई गलियारे के एक बड़े हिस्से का उद्घाटन इस दिशा में एक बड़ा कदम है।प्रधानमंत्री ने इन समर्पित मालढुलाई गलियारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनसंख्या बढ़ने के साथ अर्थव्यवस्था बढ़ी और मालढुलाई की मांग कई गुना बढ़ गई। उन्होंने कहा कि चूंकि यात्री रेलगाड़ियां और मालगाड़ियां दोनों एक ही ट्रैक पर चलती हैंइसलिए मालगाड़ी की गति धीमी है। उन्होंने कहा कि जब मालगाड़ी की गति धीमी होती है और रुकावट होती हैतो जाहिर है कि परिवहन की लागत अधिक होगी। उन्होंने कहा कि महंगा होने के कारण हमारे उत्पाद देश के बाजारों के साथसाथ विदेशों में भी प्रतिस्पर्धा में हार जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति को बदलने के लिए समर्पित मालढुलाई गलियारे की योजना बनाई गई थी।

प्रारंभ में 2 समर्पित मालढुलाई गलियारे की योजना बनाई गई थी। पूर्वी लुधियाना से दनकुनी के लिए समर्पित मालढुलाई गलियारे में कोयला खदानथर्मल पावर प्लांट और औद्योगिक शहर हैं। इनके लिए फीडर रूट भी बनाए जा रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट से दादरी तक पश्चिमी समर्पित मालढुलाई गलियारा है। इस गलियारे मेंमुंद्राकांडलापिपावाव, डावरी और हजीरा जैसे बंदरगाहों को फीडिंग मार्गों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इन दोनों मालढुलाई गलियारे के आसपास दिल्लीमुंबई और अमृतसरकोलकाता का औद्योगिक गलियारा विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम गलियारे की भी योजना बनाई जा रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह के समर्पित मालढुलाई गलियारों के बल पर यात्री रेलगाड़ियों के परिचालन में देरी की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। मालगाड़ी की इस गति के कारण मालढुलाई की मात्रा को दोगुना करना संभव होगा। उन्होंने कहा कि जब मालगाड़ियां समय पर पहुंचेंगी तो हमारे लॉजिस्टिक्स नेटवर्क की लागत सस्ती होगी। जब हमारा माल सस्ता होगातो इससे हमारे निर्यातों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि इससे बेहतर माहौल बनेगाकारोबारी सुगमता बढ़ेगी तथा भारत निवेश के लिए एक आकर्षक स्थान बन जाएगा एवं स्वरोजगार के अनेक नए अवसर भी पैदा होंगे।

प्रधानमंत्री 31 दिसंबर को राजकोट में रखेंगे एम्स की आधारशिला

पंचायती राज चुनाव के प्रत्याशी और उनके सहयोगी करवाएं स्वैच्छिक कोरोना टेस्ट