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फायर ब्रिगेड कर्मचारियों की वेतन विसंगति पर जताया रोष, लंबे समय से हो रहा भेदभाव, अब नहीं होगा बर्दाशत – प्रदेशाध्यक्ष

हिमवंती मीडिया/एस गौतम
 फायर ब्रिगेड यूनियन की वर्चुअल राज्य स्तरीय बैठक  प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई । बैठक में हाल ही में हिमाचल प्रदेश में छठे वेतन आयोग की अधिसूचना के आधार पर फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के पे-स्केल में हुई वेतन विसंगति पर रोष व्यक्त  किया गया । यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि पूर्व में 2012 के पे स्केल में फायर ब्रिगेड कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया गया । 1996 तक पुलिस/ लिपिक/ पटवारी/वन रक्षक के समान वेतन मिलता रहा है, जब 2012 में 2006 का पे स्केल रिवाइज हुआ उसमें फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों का पे स्केल रिवाइज नहीं किया गया ।
राज्य प्रेस सचिव अशोक शर्मा ने बददी में जारी प्रेस नोट में बताया कि बैठक मे ये प्रस्ताव भी पारित किया गया की जो दो विकल्प 2.25 और 2.59 कर्मचारिओं को दिए गए है, ये दोनी ही विकल्प कर्मचारी लिखित मे नहीं देंगे,और कर्मचारिओं ने रोष व्यक्त किया है । हिमाचल प्रदेश कर्मचारी अराजपत्रित संघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर से भी अनुरोध किया गया है की अग्निशमन विभाग की वेतन विसंगति को सही करवानी की कृपा करें । जेसीसी की मीटिंग मे भी मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा था  की इस बारे मे  विचार विमर्श किआ जायेगा। जब तक इस वेतन विसंगति को सही नहीं किया जाता, तब तक अग्निशमन कर्मचारिओं को दोनों विकल्प(2.25 और 2.59) अस्वीकार्य है । अशोक शर्मा ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया इस बजट से पहले उनकी वेतन विसंगति को सुधारा जाए ताकि यह महत्वपूर्ण वर्ग जो अपनी जान पर हर साल हजारों जिंदगियां बचाता है भी शान के साथ अपने काम को अंजाम दे सके। भेदभावपूर्ण रवैया ठीक नहीं है और सरकार को सबको एक नजरिए से देखना चाहिए।

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