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मंडी में हर वीरवार को लगेगा एलर्जी क्लीनिक

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मंडी(लो.स.वि):- जिला आयुर्वेदिक चिकित्सालय मंडी में स्थित राजकीय होम्योपैथिक स्वास्थ्य केन्द्र में अब हर वीरवार को एलर्जी क्लीनिक सजेगा। भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत चलने वाले इस साप्ताहिक एलर्जी क्लीनिक में सभी प्रकार की एलर्जी के मरीजों को दवाईयों के साथ -साथ एलर्जी से बचने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने इस साप्ताहिक एलर्जी क्लीनिक का शुभारम्भ करते हुए विभाग द्वारा तैयार पत्रिका का विमोचन किया ।

इस अवसर पर उप-निदेशक आयुष मंडी जोन डॉ. तेजस्वी विजय आजाद, वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष भारद्वाज, डॉ. देश राज बनयाल, डॉ. हितेश शर्मा, डॉ. यशवन्त ठाकुर तथा महेन्द्र पाल शर्मा एवं धर्मसिंह उपस्थित थे। इस पत्रिका में एलर्जी के कारण, लक्षण एवं बचाव के तरीकों की जानकारी दी गई है। विभाग द्वारा मरीजों को जानकारी देने के लिए अन्य प्रकार की सामग्री भी तैयार की गई है।

बता दें, होम्योपैथी के जनक डॉ. हनिमैन के जन्म दिवस 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के तौर पर मनाया जाता है । इसी उपलक्ष्य में राज्य आयुष विभाग ने राजकीय होम्योपैथिक स्वास्थ्य केन्द्र मंडी में सप्ताहिक एलर्जी क्लीनिक की शुरूआत की है।

इस अवसर पर ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि प्रदूषण एवं जीवनशैली में बदलाव के कारण एलर्जी विशेषकर श्वस्नतंत्र, जैसे नाक, गला और फेफड़ों तथा त्वचा सम्बन्धी एलर्जी के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ रही है । इन बीमारियों में होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति बहुत ही कारगर है और मरीजों को इस सुविधा का फायदा उठाना चाहिए ।
उन्होंने राजकीय होम्योपैथिक स्वास्थ्य केन्द्र में हर वीरवार मिलने वाली एलर्जी क्लीनिक की सुविधा का लाभ उठाने के लिए लोगों का आह्वान किया। उपायुक्त ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर सभी होम्योपैथी चिकित्सकों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।

उप-निदेशक आयुष मण्डी जोन डा. तेजस्वी विजय आजाद ने इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत स्वीकृत इस परियोजना के प्रथम चरण में सभी मरीजों को पंजीकृत करने के पश्चात् उनका रिकॅार्ड स्वास्थ्य केन्द्र में ही रखा जाएगा। इस कार्य के लिए एक 9 पृष्ठ की रोगी रिकार्ड पुस्तिका बनाई गई है, जिसमें उनकी समस्या की विस्तृत जानकारी रखी जाएगी तथा फोलोअप के लिए आने पर भी सुविधा रहेगी। मरीजों को पंजीकरण संख्या के साथ एक कार्ड दिया जाएगा ।

वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा. आशुतोष भारद्वाज ने बताया कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति में दवाईयां मरीज के प्रतिरोधात्मक तन्त्र को संतुलित एवं नियमित प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित करती हैं जिससे मरीज धीरे-धीरे एलर्जा के प्रति सामान्य प्रतिक्रिया देने लगता है। होम्योपैथिक दवाएं सभी प्रकार की एलर्जी विशेषकर एलर्जिक राईनाईटिस, पोलन एलर्जी, एलर्जिक ब्रौंकाइटिस, त्वचा से संबन्धित एलर्जी जैसे अर्टिकेरिया, धूप से एलर्जी , संपर्क से एलर्जी, मौसमी एलर्जी, तथा खाद्य पदार्थों से होने वाली एलर्जी में फायदेमंद होती है । इन दवाओं के कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होते।

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