हिमवंती मीडिया/शिमला
मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी की वजह से होने वाला रोग है जो कि संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डाॅ0 राकेश प्रताप ने स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से आईटीआई चैड़ मैदान में आयोजित विश्व मलेरिया दिवस तथा विश्व टीकाकरण सप्ताह के अवसर पर उपस्थित विद्यार्थियों और अन्य लोगों को संबोधित करते हुए दी। डाॅ0 राकेश प्रताप ने बताया कि मलेरिया के लक्षण में रोगी को कम्पकंपी के साथ ठंड लगना, सर दर्द के साथ तेज बुखार का होना, थकान, पसीना आना, उल्टी, मतली, दस्त आदि हो सकते हैं। ऐसे लक्षण पाए जाने पर रोगी को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर निशुल्क रक्त की जांच अवश्य करवा लें। उन्होने कहा कि मलेरिया के खिलाफ जंग जारी है तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस रोग से निपटने के लिए समय पर सभी आवश्यक प्रबंध कर दिए हैं और जिला के स्वास्थ्य संस्थानों में मलेरिया से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
सीएमओ ने बताया कि मलेरिया रोग के फैलने से बचने के लिए घर के आसपास पानी जमा ना होने दे। टायर, बोतल, कैन आदि जैसे वस्तुओं में पानी एकत्रित न होने दे। कार्य करते समय टांगे, पांव व बाजू को पूरा ढका रखें तथा शरीर की सफाई रखें। मच्छरों से बचने के लिए घर में दरवाजे खिड़कियों पर मच्छरों की जाली सुनिश्चित करें तथा ऐसी जगह पर मच्छर मारने के लिए स्प्रे जरूर करें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आसपास का वातावरण साफ रखें। घर के चारों ओर घास खरपतवार न उगने दे। डॉ0 राकेश प्रताप ने जनसाधारण से आवाहन किया की वे अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे तथा तथा जरूरत पड़ने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में परामर्श लें।
इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी डॉ0 मधु मितान ने मलेरिया के फैलने और इस रोग से बचाव तथा टीकाकरण के महत्व बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षिका संजना दफराईक ने भी बच्चों को टीकाकरण के महत्व बारे जानकारी दी।