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राज्यपाल ने कनिष्ठ और युवा रेडक्राॅस गतिविधियों को बढ़ावा देने पर दिया बल

हिमवंती मीडिया/शिमला 
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने रेड क्राॅस के माध्यम से आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि रेड क्राॅस को लोगों की सहभागिता से एक जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है।
राज्यपाल जो कि राज्य रेड क्राॅस के अध्यक्ष भी हैं, राजभवन शिमला में हिमाचल प्रदेश राज्य रेड क्राॅस की आम सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रेड क्राॅस जिला और राज्य स्तर पर विभिन्न स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से लोगों को उपचार और थेरेपी की सुविधा प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को भी इसके माध्यम से प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दौरान लोगों का आयुर्वेद के प्रति रूझान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश के बहुत से राज्यों में कोविड रोगियों को अलग से आयुर्वेद चिकित्सा अस्पताल स्तर पर उपलब्ध करवाई गई और इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम एक नई पहल करते हुए इसे आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन के साथ जोड़ सकते हैं और जिला स्तर पर आयुर्वेद शिविरों का आयोजन कर सकते हैं।
आर्लेकर ने कहा कि जिला रेड क्राॅस की शाखाएं इसके लिए एक कार्य योजना तैयार करें जिसमें कि आगामी 5 से 6 वर्षों की गतिविधियों का ब्यौरा हो ताकि यह एक क्रांति के रूप में परिवर्तित हो जाए और रेड क्राॅस के साथ भविष्य में काम करने वाले अधिकारियों के लिए भी प्रेरक हो। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर रेड क्राॅस के माध्यम से बेहतर कार्य हो रहा है मगर हमें अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान के साथ जोड़ना होगा और उन्हें रेड क्राॅस की विभिन्न गतिविधियों में योगदान के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि गत 2 वर्षों में लगभग प्रत्येक क्षेत्र कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुआ है। रेड क्राॅस की गतिविधियां भी इस कारण उस स्तर तक नहीं पहुंच पाई, फिर भी कुछ जिलों में बेहतर कार्य के उदाहरण अन्यों के लिए अनुकरणीय हैं।

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