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राज्यपाल ने डाॅ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 11वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की

हिमवंती मीडिया/शिमला 

राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि उपाधि धारकों को यह निर्णय लेना होगा कि वह रोजगार प्राप्त करने वाले अथवा रोजगार प्रदाता बनना चाहते है। उन्होंने युवा विज्ञानियों से आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित उच्च मानकों पर खरा उतरने का प्रयास करें क्यांेकि देश और विश्व में वे इस विश्वविद्यालय से निकले वैज्ञानिक के रूप में पहचाने जाएंगे।

राज्यपाल आज सोलन जिला मे डाॅ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 11वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि अपना सम्बोधन दे रहे थे। उन्होंने  दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को 665 डिग्रियां, 11 स्वर्ण पदक और 261 मेरिट प्रमाण पत्र प्रदान किए।

स्वर्ण पदक विजेताओं और उपाधी धारकों को शुभकामानाएं देते हुए उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह एक ऐसा स्मरणीय पल है जो हमें भविष्य में उन्नति और इसमें विश्वविद्यालय के विशेष योगदान की याद दिलाता रहेगा। उन्होंने आग्रह किया कि युवा अपना शोध कार्य कृषि समुदाय तक लेकर जाएं। उन्हांेने कहा कि जब तक यह शोध किसानों तक नहीं पहुंचता है, इसका कुछ भी उपयोग नहीं है।

उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह एक ऐसा औपचारिक आयोजन है जहां न केवल छात्रों को सम्मानित किया जाता है बल्कि विश्वविद्यालय को भी उनके प्रति कृतज्ञता जताने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धियां छात्रों के कड़े परिश्रम का परिणाम है। उन्होंने इसमे शिक्षकों, गैर शिक्षकों और छात्रों के अभिभावकों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों की यह उपाधियां तभी मूल्यवान हैं जब उनका शोध खेतों तक पहुंचेगा। उन्होंने  कहा कि जीवन मे सीखने की प्रक्रिया कभी भी समाप्त नहीं होती है बल्कि यह दिन नई शिक्षा और नए लक्ष्यों को प्राप्त करने की शुरूआत का दिवस है।

आर्लेकर ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी अटल इनोवेशन रैंकिंग मे  देश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में उच्च ए (6-25 रैंक) पर रहा है। इसके अतिरिक्त भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग मे भी इसे 22वां स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इण्डिया टूडे एमडीआरए सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय रैंकिंग 2020 मे भी इस विश्वविद्यालय ने देश भर के राजकीय विश्वविद्यालयों में 25वां स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय भविष्य मे भी अपने प्रदर्शन मे और सुधार करते हुए रैंकिंग मानकों में बेहतर स्थान प्राप्त करेगा। उन्होंने  खुशी जताई की विश्वविद्यालय मे छात्राओं की संख्या मे निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की है और यह एक शुभ संकेत है क्योंकि कृषि-बागवानी और वानिकी में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक प्रबंधन प्रणाली प्रारंभ करने पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय डिजिटल क्षेत्र मे तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा रिमोट लाॅग साॅफ्टवेयर प्रणाली लागू करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे विश्विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को घर पर ही ई-लिटरेचर उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं तथा शोध पत्र लेखन कार्य में और प्रभावी तत्व के रूप में इसका समावेशन करें। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा दृष्टिपत्र तैयार करने की भी सराहना की। उन्होंने ई-शिक्षा तथा तकनीकी विचार-विमर्श पर और अधिक बल देने की आवश्यकता जताई। राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लिए रोड मैप एवं कार्य योजना भी जारी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का शुभकामना संदेश भी प्रसारित किया गया ।

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