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विश्व एड्स दिवस पर कामगारों व गर्भवती महिलाओं को किया गया जागरूक

हिमवंती मीडिया/ बद्दी (शांति गौतम)
इंस्टिट्यूट फ़ॉर ग्लोबल डेवलोपमेन्ट द्वारा ग्लेनमार्क फाउंडेशन के सहयोग से विश्व एड्स दिवस पर कामगारों व गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया गया। डॉ अंजलि गोयल ने बताया जानकारी के अभाव में हर साल बड़ी संख्या में लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं। जिसमे  बच्चें भी शामिल हैं। वही पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या भी कम नही है। डॉ अंजलि गोयल ने बताया कि जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी लोग सावधानिया नही बरतते है। इस वजह से एच्आईवी के पीड़ितो की संख्या बढ़ रही है।
इनमे सबसे ज्यादा दूसरे राज्यो से नोकरी की तलाश में गए लोग, ट्रक चालक और सबसे ज्यादा हिमाचल में नया ट्रेंड शुरू हुआ जो नशे के इंजेक्शन साझा करने से बढ़ी एड्स की रफ्तार दरअसल, नशा लेने वाले युवा ड्रग्स लेते हुए एक ही सीरिज का उपयोग कर रहे हैं। इसी से संक्रमण फैल रहा है और यह चौकाने वाले आंकड़े है। भोजिया कालेज के डॉ अभिजीत अवस्थी ने बताया की जब तक हम इन असमानताओं को नही मिटा सकें तब तक एड्स का अंत नही हो पाएगा इसके लिए हम सबको मिलकर लोगो को जागरूक करना है ।
वही स्वास्थ्य कार्यकर्ता पिंकी वर्मा, रंजना, रीना और श्वेता शर्मा ने आर सी एच सेन्टर में आई गर्भवती व धात्री महिलाओं को बताया गया एच आई वी संक्रमण एक खतरनाक बीमारी है, जिसका खात्मा अभी पूरी तरह से असंम्भव है। इसके फैलने का मुख्य कारण एच आई वी पॉजिटिव माँ से बच्चे का होना भी है। इसलिए हर हॉस्पिटल में गर्भवती माँ के साथ साथ उसके पति का भी एच आई वी टेस्ट होना कम्पल्सरी है ताकि समय पर पता चल सके और माँ से बच्चे को एच आई वी होने से बचाया जा सके ।

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