हिमवंती मीडिया/एस गौतम
इंस्टिट्यूट फ़ॉर ग्लोबल डेवलोपमेन्ट द्वारा ग्लेनमार्क फाउंडेशन के सहयोग से विश्व एड्स दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्था के कोविड टीकाकरण केंद्र, बद्दी के सरकारी हॉस्पिटल व आरसीएच् वैक्सीनशन सेंटर में लोगो को जागरूक किया गया । इस दौरान डॉक्टर अंजलि गोयल ने बताया जागरूकता के अभाव में हर साल बड़ी संख्या में लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं। ज़िले में इस समय कुल 223 एड्स पीड़ित मरीज़ है जिनमे बच्चें भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिले में पुरषो की तुलना में महिलाओं की संख्या भी कम नही है। डॉ अंजलि गोयल ने बताया कि जागरूकता अभियान चलाने के बाद भी लोग सावधानिया नही बरतते है । इस वजह से एच्आईवी के पीड़ितो की संख्या बढ़ रही है। इनमे सबसे ज्यादा दूसरे राज्यो से नोकरी की तलाश में गए लोग, ट्रक चालक और सबसे ज्यादा हिमाचल में नया ट्रेंड शुरू हुआ जो नशे के इंजेक्शन साझा करने एड्स की रफ्तार बढ़ रही है ।
दरअसल, नशा लेने वाले युवा ड्रग्स लेते हुए एक ही सीरिज का उपयोग कर रहे हैं। इसी से संक्रमण फैल रहा है और यह चौकाने वाले आंकड़े है । परियोजना अधिकारी बलजिंदर सिंह ने बताया कि जब तक हम इन असमानताओं को नही मिटा सकें तब तक एड्स का अंत नही हो पाएगा इसके लिए हम सबको मिलकर लोगो को जागरूक करना है ।वही स्वास्थ्य कार्यकर्ता पिंकी , रंजना, रीना और श्वेता ने आरसीएच सेन्टर में आई गर्भवती व धात्री महिलाओं को बताया गया एचआईवी संक्रमण के बारे मे अपने विचार रखे। हॉस्पिटल में गर्भवती माँ के साथ-साथ उसके पति का भी एच आई वी टेस्ट होना कम्पल्सरी है ताकि समय पर पता चल सके और माँ से बच्चे को एचआईवी होने से बचाया जा सके। इस अवसर पर संस्था द्वारा सभी को विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष पर निरोध के पैकेट बांटे गए ।