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“वोकल फॉर लोकल” मंत्र से स्थानीय ब्रांडों की बनेगी वैश्विक उपस्थिति

शिमला(पीआईबी):- पत्र सूचना कार्यालय तथा रीजनल आउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ और विजयवाड़ा द्वारा युग्मित राज्यों पंजाब और आंध्र प्रदेश के स्थानीय हथकरघा/हस्तशिल्प क्षेत्र पर ध्यान देने के लिए “एक भारत श्रेष्ठ भारत-वोकल फॉर लोकल” पर आज एक वेबिनार आयोजित किया गया। दोनों राज्यों के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र से संबंधित अधिकारियों और विशेषज्ञों ने वेबिनार के दौरान इस क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया।
डी मुरली मोहन, अपर महानिदेशक, पत्र सूचना कार्यालय, विजयवाड़ा ने प्रतिभागियों को अपने परिचयात्मक संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री का “वोकल फॉर लोकल” मंत्र स्थानीय ब्रांडों को वैश्विक उपस्थिति प्राप्त करवाएगा। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत, रोज़गार के अवसर प्रदान करने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाले स्थानीय हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
 अनुज चांडक, उप निदेशक, रीजनल आउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़ ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि पंजाब और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों में हथकरघा क्षेत्र की समृद्ध परंपरा है। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प भारत की शानदार सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और देश में आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
प्रसिद्ध एतिकोप्पक्का खिलौना निर्माता सी वी राजू ने एतिकोप्पक्का खिलौनों के समृद्ध इतिहास के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आगे और प्रयोग और बेहतर डिजाइनिंग से बने हुए एटिकोप्पाका खिलौने वैश्विक ऊँचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
आर.एस.राव, सहायक निदेशक, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), विशाखापत्तनम ने प्रतिभागियों को केवीआईसी के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं और मिशनों जैसे पॉटरी मिशन, हनी मिशन, स्फूर्ति योजना, पीएमईजीपी आदि से अवगत करवाया।
निशांत ननखल, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक सह जिला प्रभारी, पंजाब राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने कहा कि होशियारपुर जिला, लकड़ी के हस्तशिल्प और हर्बल उत्पादों के निर्माण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि लकड़ी के हस्तशिल्प को बढ़ावा देना और स्थानीय उत्पाद खरीदने के लिए लोगों की बदलती मानसिकता, दो ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
जिज्ञासा नारंग, मैनेजर, पंजाब लघु उद्योग और निर्यात निगम (पीएसआईईसी) ने कहा कि पीएसआईईसी स्थानीय कारीगरों के कल्याण के लिए नियमित रूप से डिज़ाइन और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है। उन्होंने हाथ से बनाये जाने वाले उत्पादों के आंतरिक मूल्य के बारे में अधिक जागरूकता पैदा करने के महत्व को रेखांकित किया।
हिमांशु पाठक, सहायक निदेशक, पत्र सूचना कार्यालय, चंडीगढ़ और महेश श्रीनिवास, सहायक निदेशक, रीजनल आउटरीच ब्यूरो, विशाखापत्तनम ने इस वेबिनार को संचालित किया। सत्र का समापन हितेश रावत, सहायक निदेशक, प्रेस सूचना कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करने के साथ हुआ। चंडीगढ़ क्षेत्र के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने भी वेबिनार में भाग लिया।

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