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संयुक्त राष्ट्र में होगा मोदी का पाक आतंकवाद पर निशाना

27 सितम्बर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी का जाना तय है और इसमें वह महासभा को सम्बोधित भी करेंगे तथा कश्मीर मामले में पहली बार सार्वजनिक तौर पर दुनिया को संदेश दिया जायेगा। इस महासभा में अपने सम्बोधन में निश्चित तौर पर पाकिस्तान द्वारा संचालित आतंकवाद पर ही प्रधानमंत्री का निशाना होगा। लेकिन इससे पहले कश्मीर के हालात को सामान्य दिखाने का प्रयास भी अवश्य ही भारत सरकार द्वारा किया जाना आपेक्षित है। इसीलिए आशा की जा सकती है कि कश्मीर पर अब कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जाने हैं।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय करने के बाद भारत ने अभी तक पाकिस्तान की कूटनीति हमलों का कूटनीतिक जवाब ही दिया है लेकिन वैश्विक मंच पर भारत ने अभी तक अपनी ओर से कोई भी टीका-टिप्पणी नहीं की है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहुॅंचने पर प्रधानमंत्री को संयुक्त राष्ट्र के मंच से कश्मीर मामले में दुनिया के सामने अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। फिलहाल कूटनीतिक मुहिम में पाकिस्तान शेष विश्व से अलग-थलग पड़ गया है और फिर भी उसकी शैतानियॉं और आतंकवाद को बढ़ावा देना जैसी करतूतें जारी हैं इसलिए दुनिया के सामने प्रधानमंत्री को अपनी बात रखने की आवश्यकता है और पाकिस्तान जो आतंकवाद को अब भी बढ़ावा दे रहा है उसे कटघरे में खड़ा करना होगा।
यू.एन की बैठक से पहले कश्मीर में कई तरह के प्रतिबंध हटा लेने का ऐलान भी संभव है। इस महासभा में मोदी और इमरान का संबोधन एक ही दिन होना तय है इसलिए मोदी की तैयारियॉं पूरी तरह होना जरूरी है। इमरान अपने सम्बोधन में निश्चित तौर पर कश्मीर का जिक्र करेंगे। इसलिए सरकार ऐसी योजना बना रही है कि मोदी को अपने सम्बोधन में ऐसा कुछ करना होगा जिससे पाकिस्तान को अलग-थलग किया जा सके।
सरकार को इस महासभा से पहले ही जम्मू-कश्मीर को लेकर कई अहम फैसले लेने होंगे जिससे दुनिया को यह संदेश दिया जा सके कि कश्मीर में हालात सामान्य हैं और यह तभी संभव है जब कश्मीर में आम जनता पर जो पाबन्दियां लगाई गई हैं उनमें छूट दी जाए और हिरासत में लिए गए सियासी दलों के नेताओं को भी रिहा करने जैसे कदम उठाए जाएं।
मोदी व इमरान संयुक्त राष्ट्र महासभा की इस बैठक में एक ही दिन अपने-अपने देश की ओर से अपना पक्ष रखेंगे और पहले मौका प्रधानमंत्री मोदी को दिया जाना है इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को पूरी तैयारी से अपना पक्ष रखना होगा जिसकी काट इमरान अपने सम्बोधन में न कर सकें। इसीलिए 26 सितम्बर तक कश्मीर के हालात पर नजर रखी जा रही है और इस तिथि तक भारत सरकार द्वारा अनेकों रियायतें व कार्यवाही किये जाने की उम्मीद है जिससे जहॉं अलगाववादी अपना सिर न उपर उठा सकें और आम जनता के बीच भय का माहौल भी न बने और आम जनता का सरकार में विश्वास बने।

रॉकेट मैन व इसरो अध्यक्ष के. सिवान

नीतिशा