in

हिमाचल की सड़कों को सुरक्षित व सुखद बना रही प्रदेश सरकार  

हिमवंती मीडिया /शिमला 

कठिन भौगोलिक स्थिति के बावजूद, हिमाचल प्रदेश में देश के अन्य सभी पहाड़ी राज्यों की तुलना में उच्चतम सड़क घनत्व वाला सुदृढ़ सड़क नेटवर्क है। वर्तमान राज्य सरकार प्रदेशवासियों व बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए यहां की सड़कों को सुरक्षित व सुखद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के नैसर्गिक सौन्दर्य व साहसिक एवं धार्मिक पर्यटन का आनंद उठाने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। दुर्गम पहाड़ियों में सर्पीले रास्तों पर इन पर्यटकों के वाहन, उच्चगति से चलने वाली गाड़ियां और पैदल चलने वाले यात्रियो से सड़कों पर एक ऐसा विषम यातायात मिश्रण बनता है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। लापरवाह चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। सड़क सुरक्षा राज्य सरकार की प्रमुख चिंता है और यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।


हिमाचल सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा नीति अधिसूचित कर दी गई है और हिमाचल भारत का पहला राज्य है जहां सड़क दुर्घटना डेटा प्रबंधन प्रणाली को लागू किया गया। इससे  दुर्घटना संबंधित जानकारी एकत्रित करने और उसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने में सहायता मिली है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं।
बेहतर यातायात व्यवस्था और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन नये यातायात-पर्यटक पुलिस थाने स्थापित करने का निर्णय लिया है ये थाने बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिले में खोले जाएंगे। यह इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेट सिस्टम प्रत्येक थाने में स्थापित कंट्रोल रूप से संचालित किया जाएगा। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम फोरलेन पर दुर्घटना आदि की स्थिति में त्वरित पुलिस सहायता सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा।

इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात के सुचारू संचालन और दुर्घटनाओं आदि की संभावनाओं को कम करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग कर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राज्य पुलिस के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। इसके तहत आपातकालीन कॉल बॉक्स के साथ-साथ उच्च तकनीक वाले सीसीटीवी कैमरे, स्वचालित ट्रैफिक काउंटर-कम-क्लासीफायर्स, व्हीकल ऐक्चुएटिड स्पीड डिस्प्लेस प्रदर्शन और ओवरहेड ड्राइवर फीडबैक सिस्टम, परिवर्तनीय यातायात संदेश चिन्ह (वेरयेबल मैसेज साईन), वीडियो घटना का पता लगाने वाली प्रणाली और मेट डिवाइस भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा टोल प्लाजा पर कमांड और नियंत्रण केंद्र तथा राष्ट्रीय राजमार्गों पर ऑप्टिक फाइबर के माध्यम से कनेक्टिविटी भी स्थापित की जा रही है। राज्य सरकार की यह नवीन पहलें हिमाचल प्रदेश में यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुखद बनाने में मददगार साबित होंगी।

समिति ने उत्तराखंड में भांग के खेतों में जाकर जानी खेती की व्यवहारिकता

राज्यपाल ने भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान का किया दौरा….