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डीएवी पांवटा में स्वामी दयानंद जयंती पर हवन आयोजित

पांवटा ( प्रेे.वि )-
आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद जयंती आज डी ए वी सिरमौर पब्लिक स्कूल पांवटा साहिब में श्रद्धांजलि  अर्पित कर मनायी गई। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ वी के लवानिया सहित समस्त स्टाफ ने महर्षि दयानंद जी को याद करते हुए हवन में भाग लिया। तत्पश्चात आर्य समाज के भजन गाकर वेदों की महिमा का बखान किया गया। विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ लवानिया ने सभी को अवगत कराया कि स्वामी दयानंद सरस्वती की आज जयंती है। स्वामी दयानंद आर्य समाज के संस्थापक, आधुनिक भारत के महान चिंतक, समाज-सुधारक और देशभक्त थे। स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को गुजरात के टंकारा में हुआ था। मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण उनका नाम मूलशंकर रखा गया था। स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों के प्रकांड विद्वान स्वामी विरजानंद जी से शिक्षा ग्रहण की थी। स्वामी दयानंद सरस्वती ने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने में अपना खास योगदान दिया है। उन्होंने वेदों को सर्वोच्च माना और वेदों का प्रमाण देते हुए हिंदू समाज में फैली कुरीतियों का विरोध किया। स्वामी दयानंद सरस्वती निर्भय होकर समाज में व्यापत बुराईयों से लड़ते रहे और ‘‘संन्यासी योद्धा’’ कहलाए। दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की थी। आर्य समाज के द्वारा ही उन्होंने बाल विवाह, सती प्रथा जैसी कुरीतियों को दूर करने और शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया।

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