आखिर एक बार फिर लॉकडाउन को 3 मई 2020 तक बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री की इस घोषणा की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है। आखिर हो भी क्यों ना। भारत ही एक ऐसा देश है जिसमें कोरोना संक्रमण को बहुत बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में सफलता पाई है और इसी के रहते हमारे देश में कोरोना महामारी के रूप में नहीं फैल पाया है और अमूल्य जानें बची हैं। कोरोना महामारी की शुरूआत चीन से शुरू हुई तथा दुनिया के लगभग हर क्षेत्र में यह बीमारी सूखे पत्तों में आग जैसा काम करती हैं , इस तरह फैलती चली गई। दुनिया के सबसे विकासशील व ताकतवर कहे जाने वाले सभी देश इस महामारी से काफी परेशान हुए और वहॉं यह संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन भारत सरकार इस सूझबुझ के चलते यह बीमारी काफी हद तक भारत में नियन्त्रण में है। चीन में इस बीमारी के सामने आते ही भारत सरकार ने इसे भारत में नियन्त्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिये थे। हवाई अड्डों पर जहॉं विदेशियों के आगमन पर विदेश यात्रा से लौटे लोगों की स्क्रिनिंग की जाने लगी और फिर एक दिन का जनता कर्फ्यु लगाकर देश के प्रधानमंत्री ने लोगों को यह बताने में कामयाबी हासिल की कि यह बीमारी क्योंकि आपसी सम्पर्क में आने से ही होती है इसलिए आपसी सम्पर्क को पूरी तरह दूर रखा जाये और सभी लोग अपने -अपने घरों में ही रहें जिससे यह बीमारी न फैल सके। सरकार की यह युक्ति पूरी तरह काम भी आई और फिर 21 दिन का लॉकडाउन लगाकर सरकार ने लोगों को घरों की सीमा के अन्दर ही रहने को मज़बूर कर दिया और इसके परिणाम भी बड़े सुखद रहे और शायद इसी कारण हमारा देश इस महामारी से काफी हद तक संभलने में कामयाब रहा। दिल्ली में हुए मरकज में जहॉं कई दर्जन देशों के विदेशी शामिल हुए थे और वहॉं सार्वजनिक दूरी न बनाते हुए एक दूसरे के गहरे सम्पर्क में आने के कारण यह बीमारी काफी संख्या में उस मरकज में शामिल भारतीयों में भी इसके कीटाणु प्रवेश कर गये और फिर वह जमाती जो पूरे देश में फैले उससे यह बीमारी पूरे देश में फैल गई। यदि जमाती भारत सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते तो जो आज संक्रमितों की संख्या पूरे देश में 10 हजार पार कर गई है तो उसकी संख्या बहुत कम होती। यदि सरकार सोशल डिस्टेंस व कर्फ्यु आदि का सहारा न लेती तो निश्चित तौर पर अमेरिका, चीन, इटली, कोरिया जैसे विकासशील देशों में जो मृत्यु दर आ रही है उस पर भारत में भी नियन्त्रण न रह पाता और अब स्थिति काफी नियन्त्रण में है। 14 अप्रैल को लॉकडाउन समाप्त होना था लेकिन आज प्रधानमंत्री द्वारा इस लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है। सरकार के इस निर्णय की सर्वत्र प्रशंसा ही हो रही है। हालात काबू में तो हैं लेकिन पूर्ण नियन्त्रण में नहीं हैं। मामला कभी भी बिगड़ सकता है, इसी को ध्यान में रखते हुए शायद सरकार ने यह निर्णय लिया है। जबकि दूसरी ओर लोगों को काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है लेकिन जहान के सामने जान की कीमत ज्यादा है क्योंकि जान है तो ही जहान है।
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