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प्राकृतिक खेती अपनाकर खुशहाल बनें किसान- बागवान-ठाकुर

मंडी ( प्रे.वि )
नगर परिषद मंडी की अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने कहा कि प्राकृतिक खेती प्रकृति और किसान दोनों के लिए मुफीद है। रासायनिक खाद व कीटनाशकों का उपयोग न करने के कारण यह जहरमुक्त भी है और किफायती भी। सुमन ठाकुर ने सिद्ध गणपति मंदिर में उद्यान विभाग विकास खण्ड सदर द्वारा आयोजित शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। शिविर में लगभग 150 किसानों व बागवानों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि किसानों व बागवानों का आह्वान किया कि प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती प्राकृतिक बढ़ावा देने के लिए दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाएं। मंडी जिला के 3770 किसान कुल 262 हैक्टयर भूमि पर प्रा—तिक खेती कर रहे हैं। इसके लाभ को देखते हुए और किसान भी इसे अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं। सुमन ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का किसान, बागवान हितैषी योजनाएं चलाने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। लोगों को प्राकृतिक खेती विधि सिखाने के लिए गत दो वर्ष में 1000 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। सरकार की ओर से गौशालाओं को पक्का करने व गोमूत्र और गोबर एकत्रित करने के लिए गौशाला में बदलाव हेतु 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। देसी गाय पर 50 प्रतिशत उपदान का प्रावधान है। इस मौके पर कृषि विभाग से विषय विशेषज्ञ मुंशी ठाकुर ने शून्य लागत प्राकृतिक खेती के साथ-साथ कृषि विभाग से सम्बन्धित अन्य योजनाओं बारे विस्तार से जानकारी दी। शिविर में उद्यान विकास अधिकारी काजल शर्मा, सहायक उद्यान विकास अधिकारी बालम ठाकुर, उद्यान प्रसार अधिकारी प्रेम ठाकुर ने उद्यान विभाग से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं बारे जागरूक किया। इस दौरान राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मुख्यमंत्री मधु विकास योजना, हिमाचल खुम्ब विकास योजना, हिमाचल पुष्प क्रान्ति योजना इत्यादि बारे विस्तार से जानकारी दी।

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