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मां यमुना के तट पर आखिर कब रूकेगा दुर्घटनाओं का यह तांडव

हेमराज राणा

आज हम सभी के लिए दुःख ओर सोचने का विषय है कि जहां पर हम अपनी आस्था,भक्ति और विश्वास लेकर जाते हैं। उसी पांवटा साहिब में स्थित मां यमुना के तट पर आए दिन कई दुर्घटनाओं का होना लगातार जारी है। मां यमुना के तट पर विभिन्न प्रदेशों और  विदेशों से भक्त जन मां यमुना के तट पर स्नान करने ओर पूजा करने यहां बड़े ही श्रृद्धा भाव से आते है। वहीं दूसरी ओर कई पर्यटक ओर स्थानीय लोगों की अनेकों जाने जा चुकीं हैं जो दस्तुर अभी भी जारी है। आज सरकार ओर प्रशासन को मां यमुना के तट पर स्थित नियमित तौर पर गौताखोर ओर पुलिस सुरक्षा कर्मी की तौनाती होना बहुत जरूरी है। साथ ही मां यमुना के तट को सुरक्षित बनाने के लिए जाली इत्यादि से कवर करने की परम आवश्यकता है। ताकि आने वाले समय में इन दुर्घटनाओं में कमी आए और श्रद्धालु ओर अन्य पर्यटक यहां पर बिना किसी संकोच के मां यमुना के दर्शन ओर स्नान श्रद्धा और विश्वास के साथ हमेशा करते रहे। हमारा स्थानीय प्रशासन और जिलाधिश सिरमौर से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि मां यमुना के तट को स्थाई तौर से सुरक्षित किया जाए ताकि श्रृद्धालु बिना किसी संकोच के दर्शन आश्रय पाएं। सिरमौर में मां यमुना का स्थान सबसे ऊंचा और पतित पावनी मां का रुप है जिसका दायित्व हम सभी पर है कि हम समय- समय पर प्रशासन और सरकार के समक्ष आवाज़ बुलंद करते रहे और मां यमुना की महिमा ओर स्थल को भक्तों के लिए सुरक्षित ओर सुगम बनाने के लिए एकजुट होकर आगे आएं। अन्यथा दुर्घटनाओं का यह तांडव हमेशा ऐसे ही बना रहेगा।आज हजारों मौतें यमुना नदी पर डुबने से हो गई है जिसमें की विभिन्न प्रांतों ओर स्थानिय व्यक्तियों के डुबने से मौत हो चुकी है। आखिर हम कब जागेंगे ओर मां यमुना जेसी पवित्र नदी पर इन दुर्घटनाओं पर कब लगाम लगाया जाएगा ताकि हमें भविष्य में ऐसी खबरें और  दिल दहलाने वाली सुचना ना मिले। आज हम सभी को अपनी आवाज़ अपने अपने स्तर प्रशासन ओर सरकार के समक्ष उठानी पड़ेगी चाहें वह मिडिया के माध्यम से चाहे प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से या फिर आन्दोलन के रूप में उठानी पड़े । इसलिए आज हम सभी को एक मौलिक ओर धार्मिक दायित्व बनता है कि हम जिस भी क्षेत्र व पृष्ठभूमि से आते है। अपने आप को आज मां यमुना के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर एकजुटता दिखाए। आज सामाजिक कार्यकर्ताओं और मिडिया ने इस विषय को बहुत अच्छी तरह उठाया भी है। परन्तु मुझे लगता है जब तक हम सभी एकजुट होकर आवाज बुलंद नहीं करते। तब तक हम सफल नहीं हो पाएंगे। आज हमें अपने निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर मां यमुना जेसी पतित पावनी मां के रखरखाव और चिंतन करने की परम आवश्यक विषय है। आज जिस मां यमुना के तट पर हम अपने आप को पवित्र,सुखद, और  आध्यात्मिक महसूस करते हैं। उस तट पर हों रही दुर्घटनाओं के विषय पर आगे आने और अपनी आवाज को बुलंद करना भी उतना ही आवश्यक है जितनी हमारी मां यमुना के प्रति आस्था भी है। आज मां यमुना के किनारे ओर नदी को अन्य धार्मिक स्थल की तरह सौंदर्यकरण ओर सुरक्षित करने की आवश्यकता है ताकि मां यमुना की महिमा ओर आस्था और  बढ़ती रहें। पांवटा साहिब मां यमुना ओर गुरुद्वारे के लिए ही आज विश्व विख्यात है ,जहां श्रृद्धालु देश विदेश से यहां आकर आस्था की डुबकियां लगाकर अपने आप को धन्य मानते हैं और परन्तु विडंबना है कि जिस धार्मिक स्थल पर हम सौभाग्यशाली मानते हैं, वहां हम आज अपने आप को महफूज नहीं पाते। क्योंकि यहां दुर्घटनाओं का मंजर अबाद गति से जारी है।

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