शिमला(लो.स.वि.):- केंद्र सरकार द्वारा अगर कृषि कानून को निरस्त नहीं किया गया तो 8 दिसम्बर को भारत बंद में हिमाचल प्रदेश किसानों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित होगी। हिमाचल किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर, राज्य कोषाध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर, अखिल भारतीय अधिवक्ता यूनियन के प्रदेश के पूर्व राज्य सचिव निरंजन वर्मा, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेशाध्यक्ष डॉ रीना सिंह सहित विभिन्न जनवादी संगठनों ने रविवार को जारी संयुक्त बयान में कही है।
कुलदीप तंवर का कहना है कि किसान देश की रीढ़ की हडडी मानी जाती है। किसान फसलें उगाता है जिससे समूचे देश का भरण-पोषण होता है। केंद्र सरकार द्वारा नया कृषि कानून लाकर किसानों के साथ घोर अन्याय किया है जिसे किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा।
निरंजन वर्मा ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि अगर केंद्र सरकार ने किसानों की मांगें पूरी नहीं की तो प्रदेश के हर जिले से किसानों के साथ अन्य तबकों से भी लोग दिल्ली जाएंगे और आंदोलन में भाग लेंगे। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर दिल्ली में पंजाब और हरियाणा सहित देशभर के किसान डेरा डालकर बैठे हैं जिसमें हिमाचल के किसान भी इस आंदोलन शामिल हैं।