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केंद्रीय विश्वविद्यालय से फाइनेंस ऑफिसर को तानाशाई कर पद से बर्खास्त करना दुर्भाग्यपूर्ण :बलवीर सिंह

हिमवंती मीडिया/शिमला

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही छात्र हित एवं समाज हित में कार्य कर रहा है। केन्द्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के स्थाई परिसर के निर्माण और अस्थाई परिसरों में मूलभूत सुविधाओं के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद वर्ष 2009 से आंदोलन करता आ रहा हैं।

प्रांत सह मत्री बलवीर सिंह ने कहा कि हम पिछले कुछ दिनों से देखते हैं कि किस तरह से केंद्रीय विश्वविद्यालय के तानाशाह रजिस्ट्रार एवं कुलपति द्वारा एक ईमानदार, योग्य एवं स्थाई वित्त अधिकारी को अपने पद से मुक्त किया गया। केंद्रीय विश्वविद्यालय के भ्रष्ट रजिस्ट्रार एवं कुलसचिव जो अतिरिक्त कार्यभार पर संवैधानिक पद संभाल रहे हैं उनके द्वारा एक बहुत निंदनीय घटना की जाती है कि वह अपनी शक्तियों का गलत उपयोग करके एक मात्र स्थाई वित अधिकारी को पद मुक्त कर दिया जाता है।

इसका कारण यह है कि कुलसचिव और कुलपति अतिरिक्त आय को बढ़ाने की बात करते हैं। जिससे एक ईमानदार वित्तीय अधिकारी द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उनकी अतिरिक्त आय को बढ़ाने से मना कर देता है,जिससे केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव और कुलपति अपनी शक्तियों का प्रयोग करके एक स्थाई अधिकारी को हटा दिया जाता है। इस तरह के तानाशाही अधिकारियों से छात्रों के भविष्य के साथ साथ केंद्रीय विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ भी गलत व्यवहार किया जा रहा है।

जिसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कड़ा विरोध करती है और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में जल्द से जल्द स्थाई नियुक्तियां की जाए।

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