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निजी स्कूलों को भी सरकार दे आर्थिक सहायता का पैकेज,सिरमौर एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी ने की मांग

 

पांवटा(ब्यूरो):- सिरमौर एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष बीएस सैनी की अध्यक्षता में निजी स्कूलों के एक बैठक हुई जिसमें 24 विद्यालय के प्रिंसिपलों ने भाग लिया इस बैठक में लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को आ रही वित्तीय विपदा की गंभीर समस्या का विचार किया गया। सभी प्रिंसिपल ने कहा कि हिमाचल सरकार की असंगत और विरोधाभासी नीतियों के कारण निजी विद्यालय काफी परेशानी में हैं। उन्होंने इस बैठक में यह बात सामने लाई कि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता और अभिभावक ट्यूशन फीस भी नहीं जमा करा रहे हैं यही नहीं कुछ अभिभावकों ने तो पिछले सत्र की फीस भी जमा नहीं कराई जबकि हिमाचल सरकार का आदेश है कि स्टाफ और टीचर्स को पूरा मासिक वेतन दिया जाए।

विकट परिस्थितियों में निजी विद्यालय बहुत परेशान है इस मीटिंग में सर्व समिति से यह तय हुआ की सरकार को जो मानक हेतु जो ज्ञापन दिया गया है सरकार उस पर सकारात्मक निर्णय लें। विद्यालय के प्रिंसिपलों में रोष था की सरकार ने पिछले वर्ष ही विद्यालयों पर दबाव डालकर 15 साल पुरानी बसों को सड़क से उतरने का आदेश दे दिया था।इसीलिए सभी विद्यालयों ने भारी ऋण लेकर नए वाहन खरीदें लॉकडाउन की इस स्थिति में बसें विद्यालय के अंदर खड़ी हैं और मासिक किस्त देने में निजी स्कूल असमर्थ हैं। यही नहीं इंश्योरेंस का भी काफी खर्चा बढ़ रहा है, जबकि बसें विद्यालयों के परिधान में खड़ी हैं।

इन हालात में ना तो मासिक किस्त दी जा रही है, साथ ही विद्यालयों के कर्मठ अध्यापक व अन्य स्टाफ जो केवल तनख्वाह पर ही निर्भर हैं और वह दिन-रात 1 कर ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। इसके बावजूद अभिभावक ट्यूशन फीस तक नहीं दे रहे हैं। इस मीटिंग में यह बात उभर कर सामने आई की उच्च शिक्षा विभाग के पत्र संख्या DDNHE (21)A(3) 06/2020 दिनांक 24 जून 2020 को के अनुसार 10 जुलाई 2020 तक अभिभावकों को फीस जमा कराने हेतु कहा गया था, इसके बावजूद अभिभावक फीस जमा नहीं करा रहे हैं। इस मीटिंग में यह भी तय हुआ कि सभी अभिभावकों को निजी विद्यालय इस पत्र का हवाला देकर फीस जमा कराने को कहें अन्यथा जो अभिभावक फीस जमा नहीं कराएगा विद्यार्थी का नाम स्वत: ही कट जाएगा।

इस मीटिंग में यह भी तय हुआ कि बिना स्थानांतरण प्रमाण-पत्र कोई विद्यालय किसी तरह का प्रवेश नहीं देगा मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से सभी विद्यालय अपनी समस्याओं को आम जनता तक पहुंचाएं जिससे सरकार की ओर से निजी स्कूलों को विशेष आर्थिक सहायता मिल सके तभी वह अपना अस्तित्व बचा पाएंगे। इस मीटिंग में गुरु नानक पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर बीएस सैनी प्रिंसिपल देवेंद्र साहनी सोसायटी के सचिव एनम वर्मा,सरस्वती शिशु विद्यालय, दून वैली स्कूल,हिल व्यू पब्लिक स्कूल,राइजिंग स्टार पब्लिक स्कूल,एसवीएनएस स्कूल,शिव ज्योति पब्लिक स्कूल,एयरोडाइज वर्ल्ड स्कूल,,दून वैली इंटरनेशनल स्कूल,गुरु नानक पब्लिक स्कूल,दुग्गल कैरियर स्कॉलर्स होम,डैफोडिल पब्लिक स्कूल,दून ऑक्सफोर्ड स्कूल,न्यू क्रीसेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल केदारपुर के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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