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पत्रकार बंधुओं को शब्दों के कुछ पुष्प अर्पित ओर उनकी अहमियत:-हेमराज राणा

हिमवंती मीडिया/पांवटा साहिब 

1.जब किसी दबंग व्यक्ति द्वारा आपके अधिकार का हनन किया जाता है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?

2. जब प्रशासन के किसी कर्मचारी द्वारा आप परेशान किये जाते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है?

3. जब आप अपनी बात प्रशासन तक पहुंचना चाहते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

4. जब कोई लेखपाल,कोटेदार, प्रधान या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आपका हक छीनने की कोशिश की जाती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

5. जब आप किसी राजनेता, अधिकारी के साथ किसी विशेष कार्यक्रम को करते हैं तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

6. जब आपको समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर भगाने की चिंता होती है तब आपको एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

7. जब आप अपने बच्चे को स्कूल भेजते हैं और वहां उसे अध्यापक या किसी अन्य बच्चे द्वारा मानसिक यातनाएं दी जाती हैं तब एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

8. जब आप खेती करते हैं और किसी कारणवश आपकी फसल का नुकसान हो जाता है तब आपको अपनी बात प्रशासन तक पहुंचाने के लिए आपको पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

9.घर पर बैठ कर पूरे विश्व में क्या हो रहा है ये जानने के लिए एक पत्रकार के लेख की जरूरत पड़ती है ?

10. जब आपको किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिल पाता तब आपको अपनी बात रखने के लिए एक पत्रकार की जरूरत पड़ती है ?

11. जब भी कोई घटना-दुर्घटना होती है तो भी पत्रकार याद आते है ?

इन सवालों के जबाब स्वयं को दीजिये और फिर पत्रकारों के विषय में कुछ करने के बारे में सोचिए। हम ये नहीं कहते कि हम अच्छे हैं लेकिन सब के सब गलत होते है यह गलत बात है। एक बिना सेलरी पर काम करने वाला व्यक्ति आपको पूरा दिन और कभी कभी तो पूरी रात जागकर, तो कभी धूप तो कभी बरसात मे भीगकर आपको खबर उपलब्ध कराता है तो क्या उसे सम्मान और सहयोग मिलने का अधिकार है या नहीं आप को सोचना होगा।

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