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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्म-निर्भर भारत को दिया गया महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा

शिमला(पी.आई.बी):- आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) के अंतर्गत कुल 19 कंपनियों ने अपने आवेदन दायर किये हैं, इसे 03.03.2021 को अधिसूचित किया गया था। इस योजना में आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30.04.2021 थी। योजना के अंतर्गत प्रोत्साहन 01.04.2021 से लागू हैं।

आईटी हार्डवेयर कंपनियों की श्रेणी के तहत आवेदन दायर करने वाली इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर निर्माण कंपनियों में डेल, आईसीटी (विस्ट्रॉन), फ्लेक्सट्रॉनिक्स, राइजिंग स्टार्स हाई-टेक (फॉक्सकॉन) और लावा शामिल हैं।

14 कंपनियों ने घरेलू कंपनियों के तहत आवेदन दायर किए हैं, जिनमें डिक्सन, इन्फोपावर (सहस्र और एमआईटीएसी की जेवी), भगवती (माइक्रोमैक्स), साइरमा, ऑर्बिक, नियोलिंक, ऑप्टिमस, नेटवेब, वीवीडीएन, स्माइल इलेक्ट्रॉनिक्स, पनाशे डिगलाइफ, एचएलबीएस, आरडीपी वर्कस्टेशन और कोकोनिक्स शामिल हैं। इन कंपनियों से आशा की जाती है कि वे अपने विनिर्माण कार्यों का विस्तार महत्वपूर्ण रूप से करेंगी और आईटी हार्डवेयर उत्पादन में राष्ट्रीय चैंपियन कंपनियों के रूप में विकसित होंगी।

आईटी हार्डवेयर के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) 03.03.2021 को अधिसूचित की गई थी। पीएलआई योजना चार वर्ष की अवधि (वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2024-25) के लिए पात्र कंपनियों को भारत में निर्मित लक्ष्य खंडों के तहत माल की कुल वृद्धिशील बिक्री (वित्त वर्ष 2019-20 आधार वर्ष पर) पर 4 प्रतिशत से 2 प्रतिशत/ 1 प्रतिशत  तक का प्रोत्साहन देती है।

योजना के तहत आवेदन विडों के समापन पर अपने संबोधन में,  केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना-प्रौद्योगिकी, संचार, विधि और न्याय मंत्री विशंकर प्रसाद ने कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर उत्पादों के विनिर्माण में लगी वैश्विक के साथ-साथ घरेलू कंपनियां से प्राप्त आवेदनों के संदर्भ में यह बहुत बड़ी सफलता है। इस उद्योग ने वैश्विक स्तर के विनिर्माण गंतव्य के रूप में भारत की शानदार प्रगति में अपने विश्वास को दोहराया है और यह आत्म-निर्भर भारत- आत्मनिर्भर भारत के प्रधानमं मंत्री  के स्पष्ट आह्वान के साथ इसकी दृढ़ता को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि “हम आशावादी हैं और मूल्य श्रृंखला में एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ पूर्ण एकीकरण के प्रति आशान्वित हैं, जिससे देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत हो।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और “डिजिटल इंडिया” और “मेक इन इंडिया” कार्यक्रमों जैसी उनकी दूरदर्शी पहल के तहत, भारत ने पिछले पांच वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। इलेक्ट्रॉनिक्स 2019 की राष्ट्रीय नीति में भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम) के लिए वैश्विक केन्द्र के रूप में देखा जा रहा है जिसमें आकार और पैमाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए निर्यात को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए उद्योग के लिए सक्षम वातावरण बनाकर घरेलू मूल्य संवर्धन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

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