उनके निधन की खबर ने पूरे देश और दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। वे उन गिने-चुने नेताओं मे से थे, जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे और उन्हे हमेशा सभी दलों से भरपूर प्यार व स्नेह मिला।
वे हिमाचल को अपना दूसरा घर समझते थे, और ग्रीष्म काल में छुट्टियां मनाने के लिए हमेशा हिमाचल आया करते थे। हिमाचल में बहुत सी योजना व संस्थानों का नाम अटल वाजपेयी के नाम पर रखा गया है। भारत उनकी असाधारण सेवा और देश की प्रगति के लिए उनके प्रयासों को सदा याद रखेगा।
उन्होंने कहा कि अटल वाजपेयी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में देश ने पहली बार सुशासन को चरितार्थ होते देखा। जहां एक ओर उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना जैसे विकासशील कार्य किए, वहीं दूसरी ओर पोखरण परीक्षण एवं करगिल विजय से मजबूत भारत की नींव रखी।
इस अवसर पर उन्होंने सराहाँ में अटल वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए तथा सराहाँ हास्पिटल में मरीज़ों को फल वितरित किए तथा कोरोना योद्धाओं, डॉक्टर्स तथा पेरा मेडिकल स्टाफ को सैनिटाइजर, फेस मास्क, 500 से अधिक फ़ेस शिलड बांटे। इस अवसर पर उनके साथ मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन बलदेव भंडारी, मंडल के अध्यक्ष सुरेंद्र नेहरू तथा भाजपा के अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता व चुने हुए प्रतिनिधि उपस्थित रहे।