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महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2021 लोकसभा में किया गया पेश

हिमवंती मीडिया/शिमला 

महिलाओं और बच्चों के विकास, देखभाल और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं, कानून, प्रक्रियाओं के सरलीकरण, जागरूकता फैलाने और सीखने की सुविधा प्रदान करने, पोषण, महिलाओं और बच्चों को उनकी पूर्ण क्षमता तक आगे बढ़ने, उन्हें मजबूत करने और विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए संस्थागत और विधायी मदद तक पहुंच की सुविधा के तहत कई पहलों के माध्यम से विभिन्न उपाय किए हैं। वर्ष 2021 के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की प्रमुख पहलें/उपलब्धियां इस प्रकार हैं: महिलाओं की शादी की उम्र: महिलाओं की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए बाल विवाह निषेध (संशोधन) अधिनियम, 2021 विधेयक 21.12.2021 को लोकसभा में पेश किया गया है।

बेटी बचाओ बेटी पढाओ: यह योजना पूरे भारत में लागू की जा रही है और देश भर में 640 जिलों (जनगणना 2011 के अनुसार) को इसमें शामिल किया जा रहा है। 640 जिलों में से 405 जिलों को बहु-क्षेत्रीय हस्तक्षेप के साथ-साथ डीएम/डीसी के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में मीडिया एडवोकेसी के तहत शामिल किया गया है और सभी 640 जिलों को एडवोकेसी और मीडिया अभियान के माध्यम से शामिल किया गया है। इस योजना ने बालिकाओं के महत्व के प्रति राष्ट्र की मानसिकता को बदलने की दिशा में सामूहिक चेतना को जगाया है। यह राष्ट्रीय स्तर पर जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) में 19 अंकों के सुधार में परिलक्षित होता है। 2014-15 में लिंगानुपात 918 था जो 2020-21 में बढ़कर 937 (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का एचएमआईएस) हो गया है।

पोषण ट्रैकर: महिलाओं और बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार को बढ़ावा देने के लिए एक पारदर्शी और सक्षम वातावरण बनाया जा रहा है जिससे स्वास्थ्य, तंदुरूस्ती और प्रतिरक्षा का पोषण हो सकेगा। पूरक पोषण की वास्तविक समय निगरानी सुनिश्चित करने और सेवाओं के त्वरित पर्यवेक्षण और प्रबंधन पर जानकारी प्रदान करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी पर आधारित पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन बनाया गया है। 24.12.2021 तक, 12.27 लाख आंगनवाड़ी लगभग 9.85 करोड़ लाभार्थियों को शामिल करते हुए पोषण ट्रैकर पर डेटा अपलोड कर रही हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई): इस योजना में गर्भावस्था और स्तनपान कराने के दौरान डीबीटी मोड में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं (पीडब्लू एंड एलएम) के बैंक/डाकघर खाते में सीधे तीन किस्तों में 5,000/- रुपये की नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। यह वेतन मुआवजे और स्वास्थ्य चाहने वाले व्यवहार को बढ़ावा देने के माध्यम से महिला सशक्तिकरण का एक उपाय है। 24.12.2021 तक, 2.17 करोड़ लाभार्थी इस योजना के तहत कुल 9,457/- करोड़ रुपये के भुगतान से लाभान्वित हुए हैं।

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